कुतिया ले गई बाघ को धर के,
हाँ जी हाँ जी कहना।
बुद्धू बढ़ गया ब्लोगिंग कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना॥
कोई कविता करे पोस्ट में,
कोई लिखे कहानी।
कोई लिखे कुछ ऐसा यारों,
समझ नहीं जो आनी।
ब्लोगर लिखते चिंतन कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना।
बुद्धू बढ़ गया ब्लोगिंग कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना॥
हिन्दी में अंगरेजी डाले,
वो ज्ञानी कहलाये।
हिन्दी मे है शर्म कहाँ जो,
पानी पानी हो जाये।
जोश दिलाओ टिप्पी कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना।
बुद्धू बढ़ गया ब्लोगिंग कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना॥
ज्ञान ध्यान की बात मिले ना,
तो निराश मत होना।
कुत्ता-बिल्ली पगला-पगली,
पढ़कर तुम मत रोना॥
लिखा है इसको मेहनत कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना।
बुद्धू बढ़ गया ब्लोगिंग कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना॥
ऊपर-ऊपर से जो निकले,
दर्शन उसे बताओ।
समझ ना आया कहकर क्यों तुम,
अज्ञानी कहलाओ?
दुःखी ना होना उसको पढ़ के,
हाँ जी हाँ जी कहना।
बुद्धू बढ़ गया ब्लोगिंग कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना॥
अन्धों की नगरी में भैया,
राजा होता काना।
हिन्दी ब्लोगिंग भी है ऐसी,
लोगों ने है जाना॥
गर कोई कह जाये ऐसा,
ना जी ना जी कहना।
बुद्धू बढ़ गया ब्लोगिंग कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना॥
10 comments:
वाह, अवधिया साहब, आज तो छा गए , bahut khoob !
वाह अवधिया जी!
छा गेस अऊ छवा देस्।
बहे कविता हस्।
जम्मो ब्लाग जगत के पोल खोल देस्।
हमु हां हां जी हां जी कहत हन
जय हो
बुद्धू बढ़ गया ब्लोगिंग कर के,
हाँ जी हाँ जी कहना॥
हिन्दी ब्लागिंग का सार इन्ही दो पंक्तियों में छुपा है...ओर कुछ कहने की कोई आवश्यकता ही नहीं रही ।
भाई लोग अच्छे से जानते है कि जिस दिन "ना जी-ना जी" कहना शुरू कर दिया तो उसी दिन से दुकानदारी(ब्लाग) का भट्ठा बैठ जाएगा :-)
बहुत सही।
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।।
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन पर आपके नए आलेख की प्रतीक्षा है।
--------
कुछ खाने-खिलाने की भी तो बात हो जाए।
किसे मिला है 'संवाद' समूह का 'हास्य-व्यंग्य सम्मान?
हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जीहाँ जी हाँ जी हाँ जी हाँ जीहाँ जी हाँ जी--- शुभकामनायें
प्र0- बढ़िया है?
उ0- हाँ जी हाँ जी
नाईस जी नाईस जी नाईस जी नाईस जी नाईस जी नाईस जी बहुत बहुत शुभकामनयें
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई !!
ये कविता ऐसी ही है या भांग के प्रभाव से ऐसी पढ़ने में आ रही है।
Post a Comment