Saturday, June 5, 2010

कहीं धोखा तो नहीं खा रहे हैं आप?

इस चित्र को देखकर क्या लग रहा है आपको? देखिये, सच सच बताइयेगा। आप यही सोच रहे हैं ना कि ....

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पर आप जो सोच रहे हैं वह कहीं गलत तो नहीं है? कहीं धोखा तो नहीं खा रहे हैं आप?

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20 comments:

राजकुमार सोनी said...

हा... हा... हा...
क्या अवधिया जी आज तो आपने कमाल का चित्र लगाया। वैसे एक झटके में भ्रम तो पैदा हो ही जाता है।

honesty project democracy said...

अवधिया जी बहुत दूर की खोज करते हो आप और यह धोखा नहीं कुछ हद तक सच भी है क्योकि इन्सान जिस तेजी से जानवर बनने की दिशा में जा रहा है, उससे आपके चित्र में दिख रहा झूठ बहुत जल्द सच भी हो सकता है ,उम्दा प्रस्तुती |

सूर्यकान्त गुप्ता said...

हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा झा जी ने एकदम ईमानदारी से सच्चाई को रखा है अपनी टिप्पणी मे। सहमत्।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

धोखा इतना बड़ा धोखा,

सरासर धोखा है।

बचके रहना रे बाबा

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

वो गीत याद आ गया .. बाबूजी धीरे चलना ....बड़े धोखे है इस रह में !

अन्तर सोहिल said...

कभी कभी हम पता नहीं किस किस को गले लगा कर बैठ जाते हैं, लेकिन जब सच सामने आता है तो के पछताने सिवा कुछ नहीं बचता।

प्रणाम

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

ये तो सच बड़ा धोखा है... :):)

अन्तर सोहिल said...

मुझे तो आपकी यह पोस्ट हास्य कम प्रेरक ज्यादा लगी।
दूर से देखकर किसी के बारे में कोई निजि राय या अवधारणा रखना भ्रांति हो सकती है। निकट जाने पर पता चलता है कि कितना बडा धोखा हुआ।

प्रणाम स्वीकार करें

निर्झर'नीर said...

LOL..

M VERMA said...

हद है
बहुत खूब

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

ha ha ha ha ha ha........ very deceptive...

Arshad Ali said...

sir aapke anek rup hayn.aapka mai fan hone laga hun.aapme bibidhta hay..jaandar post.

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

अब ऐसा चित्र लगाएँगे, तो लोग धोखा ही खाएंगे।
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रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?

राज भाटिय़ा said...

मजेदार जी, अति सुंदर धोखा

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

:) चित्र देखते ही एकबर तो हम भी सचमुच में धोखा खा गए थे....

शिवम् मिश्रा said...

बेहद उम्दा,सर जी |

कडुवासच said...

...बहुत खूब !!!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

अब पीछे से देखेंगे तो ऐसा ही तो होगा...

दीपक 'मशाल' said...

शायद ये शीर्षक की वजह से हुआ.. लेकिन दूसरा चित्र देखे बिना ही लग गया था कि ये श्वान महाशय के साथ हैं.. :) मजेदार.
अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि-
never believe in what you hear, and believe half in what you see....

Dev K Jha said...

हा हा....