क्या आप चिट्ठाजगत के हॉटलिस्ट में ऊपर आना चाहते हैं?
तो यह कौन कठिन बात है?
बेशक आपका पोस्ट चिट्ठाजगत के हॉटलिस्ट में बहुत ऊपर आ सकता है। यहाँ तक कि टॉप में भी पहुँच सकता है!
तो इसके लिये सबसे पहले तो आप एक पोस्ट लिखिये, बकवास से बकवास पोस्ट भी चलेगा। अब अपने पोस्ट के तेरह-चौदह महाबकवास लाइनों को कॉपी करके एक के बाद एक टिप्पणी के रूप में खुद ही डालते जाइये। बीच-बीच में दस-बारह बार बेनामी बनकर भी टिप्पणी करते चले जाइये। हो गई ना पच्चीस छब्बीस टिप्पणियाँ! अब आपके पोस्ट को चिट्ठाजगत के हॉटलिस्ट में ऊपर पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता!
यदि कोई आपको अपने पोस्ट में खुद टिप्पणी देने की उलाहना दे तो पक्के बेशरम बन कर कह दीजिये कि दूसरों से फ़ोन करके, एस एम् एस करके मिमिया कर टिपण्णी करवाने से खुद ही अपने पोस्ट में टिप्पणियाँ कर लेना अधिक बेहतर है!
तो एक बार आजमा कर देखिये इस फॉर्मूले को, सफलता की पूरी-पूरी गारंटी है।
72 comments:
धन्यवाद.. मुझे तो इस कला का पता ही नहीं था... सच्ची...
वैसे भी कोई नहीं रोक सकता गुरुदेव
धन्यवाद..
अवधिया जी बहुत ही अच्छा मुद्दा उठाया है आपने शायद इससे ऐसा करने वाले ब्लोगर अब ऐसा करने से बचेंगे ..ऐसा नहीं करना चाहिए किसी को भी ...चाहे पोस्ट हिट हो या पिट जाय ..
अब माडरेशन लगा डारे हस
मैं आज आपकी पोस्ट को ऊपर पहुँचा कर ही रहूंगा… "ऊपर" यानी चिठ्ठाजगत में ऊपर… :) :) :)
झन्नाटेदार
प्रणाम
(2) वैसे यह कला "एक विशेष गैंग के सदस्यों" को बखूबी आती है… :)
3) आप भी कईयों को मिर्ची लगा देने में माहिर हैं… :)
एक गलीज़ खान है "फ़क"नऊ वाला उसे ये पेहेले से पता हे
4) …सबसे पहले तो आप एक पोस्ट लिखिये, बकवास से बकवास पोस्ट भी चलेगा… :) :) :)
इस गोपनीय जानकारी को ओपनीय बनाने का आभार।
वैसे अब ऊपर जाने का कम्प्टीशन तगडा हो जाएगा, क्योंकि हर कोई इस तैयारी में लगा होगा न।
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ये साहस के पुतले ब्लॉगर।
व्यायाम द्वारा बढ़ाएँ शारीरिक क्षमता।
5) अब अपने पोस्ट के तेरह-चौदह महाबकवास लाइनों को कॉपी करके एक के बाद एक टिप्पणी के रूप में खुद ही डालते जाइये। :) :)
6) बीच-बीच में दस-बारह बार बेनामी बनकर भी टिप्पणी करते चले जाइये। :) :)
7) अब आपके पोस्ट को चिट्ठाजगत के हॉटलिस्ट में ऊपर पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता! :) :)
Sabhi Blog Sanklako ko is or vichar karna chahie...
8) खुद टिप्पणी देने की उलाहना दे तो पक्के बेशरम बन कर कह दीजिये :) :)
9) टिपण्णी करवाने से खुद ही अपने पोस्ट में टिप्पणियाँ कर लेना अधिक बेहतर है! :) :)
10) एक बार आजमा कर देखिये इस फॉर्मूले को, सफलता की पूरी-पूरी गारंटी है। :) :)
आदरणीय अवधिया जी, मेरी तरफ़ से 10 टिप्पणी हो चुकीं हैं… और भी करूंगा… जब फ़ुर्सत मिलेगी… :)
अब तो आपको अपने ब्लॉग पर खुद ही कमेंट करने की जरुरत नहीं है ना?
न तो आपको स्वार्थी कहा जा सकता है, और न ही मुझे… मैं निस्वार्थ भाव से कमेण्ट कर रहा हूं… :)
परोपकार के नाते और चिठ्ठाजगत में आपको टॉप पर लाने के लिये… :)
शायद इससे कुछ लोगों को सबक मिले… :)
आपने भी पोस्ट इतनी छोटी लिखी है, कि मैं अब उसमें से क्या कॉपी-पेस्ट करूं? :) :)
और हाँ, "सार्थक" टिप्पणी नहीं करने के लिये मुझे माफ़ कीजियेगा… :) :)
कुछ "असार्थक" और घटिया किस्म की पोस्टों की बजाय यह "सलाहदार" पोस्ट टॉप पर रहे तो अच्छा… यही परोपकार है :) :)
sach kaha........
उपयोगी जानकारी।
***
आज हमारे ब्लॉग पर स्वरोदय विज्ञान की चर्चा है जिसका सम्बन्ध मानव के श्वास-प्रश्वास से है।
http://manojiofs.blogspot.com/2010/07/1.html
अजी हमे नही **ऊपर** जाना अभी
11) तो यह कौन कठिन बात है? :) :)
इस उधर्वगमनीय यज्ञ में हमारी भी टिप्पणी रूपि आहुति स्वीकार करें :)
चिपलूनकर जी ने वाजिब फरमाया कि इस विद्या में एक विशेष 'गैंग' पूर्णत: सिद्धहस्त है....
अवधिया जी नमस्कार! हा हा हा हा हा हा हा… बने हे टॉप मा रेहे के तरीका।
गुरु जी आपसे सहमत , ऐसा किसी को भी नहीं करना चाहिए (:>
आप को इस की क्या जरूरत है सर जी ............आपकी पोस्ट तो वैसे भी आराम से टॉप लिस्ट में आ जाती है !
जैसे कि आज है ! ;-)
सुन्दर सलाह।
अब चिपलूनकर चाचाजी और दूसरों ने इतने काँधे लगा दिए, मैं देरी से आया शायद इनके काँधे दूख गए होंगे, अब सहारा लगा दियेता हूँ ऊपर पहुँचाने के लिए :)
वैसे भी आज चढ गे पोस्ट टॉप मा
जोरदार आईडि्या लगाएस तैंहा
सही है, शुभकामनाएँ. :)
डम डम डम डम डम
और अगर किसी पोस्ट का लिंक यहां पर दे दें तो उसको ठंडा होने से कोई नहीं रोक सकता। मौसम की गर्मी भी, बाढ़ का पानी भी, हवा की रूखाई भी, बहती पुरवाई भी, फ्रिज की ठंडक भी ... ओह ... हो ... ठंडक तो ठंडक को ठंड ही प्रदान करेगी। जब लिखना शुरू करते हैं तो भूल जाते हैं कि क्या लिख रहे थे। पर लिंक देना नहीं भूलेंगे। पढि़ए चटका कर एक और गुर कि अपनी पोस्ट को समाचार पत्र में प्रकाशित कैसे करवाएं, सबका स्वागत है। इसमें प्रकाशित टिप्पणियों के टिप्पणीकार के ब्लॉग की पोस्टें समाचारपत्र में स्थान पाने की गारंटी है, गारंटी अवधि टिप्पणी आने के बाद सूचित की जाएगी।
और अगर किसी पोस्ट का लिंक यहां पर दे दें तो उसको ठंडा होने से कोई नहीं रोक सकता। मौसम की गर्मी भी, बाढ़ का पानी भी, हवा की रूखाई भी, बहती पुरवाई भी, फ्रिज की ठंडक भी ... ओह ... हो ... ठंडक तो ठंडक को ठंड ही प्रदान करेगी। जब लिखना शुरू करते हैं तो भूल जाते हैं कि क्या लिख रहे थे। पर लिंक देना नहीं भूलेंगे। पढि़ए चटका कर एक और गुर कि अपनी पोस्ट को समाचार पत्र में प्रकाशित कैसे करवाएं, सबका स्वागत है। इसमें प्रकाशित टिप्पणियों के टिप्पणीकार के ब्लॉग की पोस्टें समाचारपत्र में स्थान पाने की गारंटी है, गारंटी अवधि टिप्पणी आने के बाद सूचित की जाएगी।
और अगर किसी पोस्ट का लिंक यहां पर दे दें तो उसको ठंडा होने से कोई नहीं रोक सकता। मौसम की गर्मी भी, बाढ़ का पानी भी, हवा की रूखाई भी, बहती पुरवाई भी, फ्रिज की ठंडक भी ... ओह ... हो ... ठंडक तो ठंडक को ठंड ही प्रदान करेगी। जब लिखना शुरू करते हैं तो भूल जाते हैं कि क्या लिख रहे थे। पर लिंक देना नहीं भूलेंगे। पढि़ए चटका कर एक और गुर कि अपनी पोस्ट को समाचार पत्र में प्रकाशित कैसे करवाएं, सबका स्वागत है। इसमें प्रकाशित टिप्पणियों के टिप्पणीकार के ब्लॉग की पोस्टें समाचारपत्र में स्थान पाने की गारंटी है, गारंटी अवधि टिप्पणी आने के बाद सूचित की जाएगी।
और अगर किसी पोस्ट का लिंक यहां पर दे दें तो उसको ठंडा होने से कोई नहीं रोक सकता। मौसम की गर्मी भी, बाढ़ का पानी भी, हवा की रूखाई भी, बहती पुरवाई भी, फ्रिज की ठंडक भी ... ओह ... हो ... ठंडक तो ठंडक को ठंड ही प्रदान करेगी। जब लिखना शुरू करते हैं तो भूल जाते हैं कि क्या लिख रहे थे। पर लिंक देना नहीं भूलेंगे। पढि़ए चटका कर एक और गुर कि अपनी पोस्ट को समाचार पत्र में प्रकाशित कैसे करवाएं, सबका स्वागत है। इसमें प्रकाशित टिप्पणियों के टिप्पणीकार के ब्लॉग की पोस्टें समाचारपत्र में स्थान पाने की गारंटी है, गारंटी अवधि टिप्पणी आने के बाद सूचित की जाएगी।
और अगर किसी पोस्ट का लिंक यहां पर दे दें तो उसको ठंडा होने से कोई नहीं रोक सकता। मौसम की गर्मी भी, बाढ़ का पानी भी, हवा की रूखाई भी, बहती पुरवाई भी, फ्रिज की ठंडक भी ... ओह ... हो ... ठंडक तो ठंडक को ठंड ही प्रदान करेगी। जब लिखना शुरू करते हैं तो भूल जाते हैं कि क्या लिख रहे थे। पर लिंक देना नहीं भूलेंगे। पढि़ए चटका कर एक और गुर कि अपनी पोस्ट को समाचार पत्र में प्रकाशित कैसे करवाएं, सबका स्वागत है। इसमें प्रकाशित टिप्पणियों के टिप्पणीकार के ब्लॉग की पोस्टें समाचारपत्र में स्थान पाने की गारंटी है, गारंटी अवधि टिप्पणी आने के बाद सूचित की जाएगी।
पता नहीं छप क्यों नहीं रही है। सबकी इतनी बार छप चुकी है और मेरी टिप्पणी एक बार भी नहीं। अब हम चलते हैं और अगर किसी पोस्ट का लिंक यहां पर दे दें तो उसको ठंडा होने से कोई नहीं रोक सकता। मौसम की गर्मी भी, बाढ़ का पानी भी, हवा की रूखाई भी, बहती पुरवाई भी, फ्रिज की ठंडक भी ... ओह ... हो ... ठंडक तो ठंडक को ठंड ही प्रदान करेगी। जब लिखना शुरू करते हैं तो भूल जाते हैं कि क्या लिख रहे थे। पर लिंक देना नहीं भूलेंगे। पढि़ए चटका कर एक और गुर कि अपनी पोस्ट को समाचार पत्र में प्रकाशित कैसे करवाएं, सबका स्वागत है। इसमें प्रकाशित टिप्पणियों के टिप्पणीकार के ब्लॉग की पोस्टें समाचारपत्र में स्थान पाने की गारंटी है, गारंटी अवधि टिप्पणी आने के बाद सूचित की जाएगी।
वाचस्पति जी धन्यवाद, एक ही बात को 4-6 बार पोस्ट करने के लिये… :)
अवधिया जी जो साबित करना चाहते थे उन्होंने कर दिया… मैंने तो सिर्फ़ शुरुआत भर की थी… आप सबने उसे स्थायित्व प्रदान किया है। अब जब भी किसी "कचरा" पोस्ट को चिठ्ठाजगत में टॉप पर देखें तो किसी भी अन्य पोस्ट पर जमकर टिप्पणियाँ ठेलिये, अपने आप कचरा और अस्वच्छता नीचे चली जायेगी, तथा सच्चा, निर्मल और स्वच्छ ब्लॉग ऊपर रहेगा… :) :) :) हा हा हा हा हा हा हा
भाई ब्लॉग तो खुद की गैय्या है चाहे जितना दुध लो .और उसके गोबर के चाहे जितने कंडे थाप लो .हा हा हा .... चलिए आपकी सलाह पर अमल करता हूँ ...
भाई ब्लॉग तो खुद की गैय्या है चाहे जितना दुध लो .और उसके गोबर के चाहे जितने कंडे थाप लो .हा हा हा .... चलिए आपकी सलाह पर अमल करता हूँ ...
ये तो सच ही लगता है लेकिन क्या करे कुछ तो करना ही है खाली आदमी और कर भी क्या सकता है वह पागल है
ये तो सच ही लगता है लेकिन क्या करे कुछ तो करना ही है खाली आदमी और कर भी क्या सकता है वह पागल है
ये तो सच ही लगता है लेकिन क्या करे कुछ तो करना ही है खाली आदमी और कर भी क्या सकता है वह पागल है
अवधिया साहब मैंने बहुत पहले अपनी एक पोस्ट को इसी तरह खुद कन्धा देकर ऊपर पहुचाया था उसके बाद मेरा हॉट लिस्ट पर से मोह उठ गया. अब मैं इसलिए लिखता हूँ क्योंकि मुझे लिखने में मजा आता है. हॉट लिस्ट में पोस्ट दिखती है या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. बधाई हो आज आपकी पोस्ट सबसे ऊपर रही होगी.
हॉट लिस्ट में ही क्यों ? सक्रियता क्रमांक में भी टॉप पर आईये !
अपने दस ब्लॉग बनाईये और रोज एक सी पोस्ट लिखकर उसे सभी ब्लोगों में पोस्ट करिए और जिस ब्लॉग को सक्रियता क्रमांक में आगे बढ़ाना है उसका लिंक सभी ब्लोग्स में दीजिये कुछ महीनों में आप टॉप ब्लोगर होंगे !!!
ये चिटठा चर्चा शायद कभी इसलिए शुरू की गई होगी (ये मेरा अनुमान है )
सुरेश जी की हर टिप्पणी को मेरी टिप्पणी माना जाये...
वह क्या बात है!!!
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
अरे आप तो बिना बेनामी के इतनी पा गए.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
हम भी दो चार की संख्या बढ़ा दें.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
आप तो अपनी वाली तरकीब बताइए जो इतने पा गए?
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
बस ये अंतिम है. नमस्कार.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
वाकई में अवधिया जी !
हम भी क्यों न इन बेशर्मों से आगे निकलने का प्रयत्न करें , यह यहाँ बहुत कामन है ! आपकी पोस्ट का आकर्षण इतना तो अवश्य होगा की यह रातों रात टॉप पर पंहुचने की इच्छा रखने वाले पढेंगे जरूर ! कोई मेहनत नहीं करना चाहता ! आज मैं भी आपके फार्मूले को आजमाना कहता हूँ मगर यह बेनामी बनाने की बशार्मी बनकर दूसरों को गालियाँ देना नहीं आ रहा भाई जी ! शुभकामनाएं !
ईश्वर आपको भी टॉप पर पंहुचाये :-)
बहुत अच्छा
शानदार लेख
बढ़िया अभिव्यक्ति
अवधिया जी आपमें हिम्मत नहीं साफ़ साफ़ बोलने की .
ईश्वर आपको भी टॉप पर पंहुचाये :-)
आप बहुत बढ़िया लिखते हैं ...लिखते रहिये
अब तो बहुत खुश होंगे कि पोस्ट सबसे ऊपर हॉट में दिख रही है :)
टिप्पणी इतनी जरूरी है?
चिट्ठाजगत में टॉप पर दिखना कौन कठिन बात है ?
सार संग्रह ये कि " कोई कठिन बात नहीं है ।"
अब आगे ..जो कठिन बात है , उसपर प्रकाश डाला जाए , प्रभु ....
बहुत बहुत धन्यवाद इस तरह के नायाब तरीके सुझाने के लिये
आजमा कर देखते हैं
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