हमारे संकलक, जिनका मुख्य उद्देश्य पोस्टों में पाठक भेजना है, अपने द्वारा भेजे गए पाठकों की संख्या से अधिक पोस्ट में की गई टिप्पणियों की संख्या को आखिर क्यों ज्यादा महत्व देते हैं? क्या सचमुच संकलकों के द्वारा भेजे गए पाठकों की संख्या, जिसे कि बढ़ाना संकलकों का मुख्य कार्य ही होता है, का महत्व टिप्पणियों की संख्या के सामने कुछ भी नहीं है? खैर, हिन्दी ब्लोग्स के संकलक निजी हैं और उनके स्वामियों को अधिकार है कि वे जो चाहें करें, हम उनके कार्य में दखल देने वाले कौन होते हैं?
चिट्ठाजगत के दोनों ही हॉटलिस्ट इस प्रकार हैं:
क्र. | धड़ाधड़ टिप्पणियाँ | हॉटलिस्ट धड़ाधड़ पठन हॉटलिस्ट |
1 | आज एक सवाल ---लोग पीपल के पेड़ की पूजा क्यों करते हैं? [43] | बृ्हस्पति, शुक्र के अस्तकाल में विवाहादि शुभ कार्य वर्जित क्यों ? [88] |
2 | सुनामी की बाहों में ..... [34] | उम्मीद का दामन.. [81] |
3 | दायरे.... [33] | सचिन का डंका [78] |
4 | एक और आईडिया....... [30] | देवालयों की रक्षार्थ शेखावत वीरों का आत्मोत्सर्ग [77] |
5 | कदहीन मगर आदमकद भीड़ ... [26] | अटके हुए पल [70] |
6 | पर्दा धूप पे [26] | कुत्ते कितने समझदार और संवेदनशील होते हैं [69] |
7 | भ्रूण हत्या बनाम नौ कन्याओं को भोजन ?? [24] | अब हँसने के लिए जोग हैं .... [67] |
8 | दुर्नामी लहरें [22] | चुम्बन चुम्बन पर लिखा होगा मरने वाले का नाम [63] |
9 | किताबों की दुनिया - 39 [22] | कई अनुत्तरित प्रश्नों को छोड़ गयी वर्धा में आयोजित संगोष्ठी [63] |
10 | वो छाँव बनकर छुप गयी [22] | कंट्रोल सी + कंट्रोल वी …फ़िर ले के आए झाजी …..जस्ट झाजी स्टाईल ..चर्चा नहीं ..पोस्ट झलकियां .. [62] |
11 | नाम सोचा ही न था! [19] | सिलसिला गुलज़ार कैलेन्डर का: पांचवां भाग--'याद आते हैं वो सारे ख़त मुझे' [60] |
12 | साप्ताहिक काव्य – मंच ---- 20 (चर्चा-मंच --- 304 )……….संगीता स्वरुप [19] | भ्रूण हत्या बनाम नौ कन्याओं को भोजन ?? [60] |
13 | "बन्दर की व्यथा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") [18] | जो उनकी तमन्ना है बर्बाद हो जा....राजेन्द्र कृष्ण और एल पी के साथ मिले रफ़ी साहब और बना एक बेमिसाल गीत [58] |
14 | आज पढने के बदले सुन लें कहानी...."कशमकश" [18] | क्या बाज़ार ही भाषा को भ्रष्ट करता है? [बाज़ारवाद-3] [57] |
15 | क्या द ग्रैंड डिज़ाइन स्टीफन हाकिंस ने चोरी की है? [18] | क्या द ग्रैंड डिज़ाइन स्टीफन हाकिंस ने चोरी की है? [56] |
16 | बारात, ब्लॉगिंग और प्रेरणा। [18] | Sale - Vendita - बिक्री [56] |
17 | ख़ामोशी! [17] | कार्टून:- हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है ... [55] |
18 | एक पोस्टकार्ड [17] | सर्पदंश का शिकार पीठासीन अधिकारी की स्थिति गम्भीर मतदान अधिकारी की मौत [54] |
19 | The ultimate way for women दुनिया को किसने बताया की विधवा और छोड़ी हुई औरत का पुनर्विवाह धर्मसम्मत है ? - Anwer Jamal [15] | सूरज, चंदा, तारे, दीपक, जुगनू तक से ले रश्मि-रेख [53] |
20 | वृत्त [15] | येदुरप्पा सरकार पर संकट बरक़रार, राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन कि शिफारिश की. [53] |
21 | कितने साबुत और बचा क्या [14] | The ultimate way for women दुनिया को किसने बताया की विधवा और छोड़ी हुई औरत का पुनर्विवाह धर्मसम्मत है ? - Anwer Jamal [50] |
22 | In search of the truth सच का नश्तर - Ejaz [13] | हिन्दू महा सभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की !! [50] |
23 | न जाने ये रात इतनी तन्हा क्यूँ है, हमें [13] | एक और आईडिया....... [49] |
24 | कुछ रिश्ते बन जाते हैं.. [13] | सचिन का ४९ वाँ शतक !! [48] |
25 | ये नाम जो है तेरा.....!! [12] | आईये दुआ करें [48] |
26 | लम्हों को दोहरा लेना [11] | दायरे.... [47] |
27 | भिलाई में मिले ब्लॉगर ---- ललित शर्मा [11] | बिहार चुनाव:- राजद की पांचवीं सूची जारी. [46] |
28 | अब हँसने के लिए जोग हैं .... [11] | मक्खी मार रहे हैं दारू दुकान वाले [46] |
29 | काश ! दर्पण मुझमें समा जाता..... [11] | सचिन तेंदुलकर ने 14 हज़ार रन पूरे किये !! [45] |
30 | जानां [10] | मिथिला का उच्चैठ शक्तिपीठ. [45] |
31 | बृ्हस्पति, शुक्र के अस्तकाल में विवाहादि शुभ कार्य वर्जित क्यों ? [10] | खुदा 'महफूज़' रखे हर बला से .... हर बला से !! [44] |
32 | कदहीन मगर आदमकद भीड़--ब्लॉग4वार्ता--ललित शर्मा [10] | योगिनी का अमोनियम नाइट्रेट : पिन कोड 273010, एक अधूरा प्रेमपत्र - 33 [44] |
33 | आज के विजेता रहे डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी 'मयंक' ..बधाई 'मयंक' जी ! अगली स्पर्धा ग़ज़ल के लिए होगी [10] | राजस्थान रॉयल्स और पंजाब आईपीएल से बाहर !! [44] |
34 | उम्मीद का दामन.. [9] | कदहीन मगर आदमकद भीड़ ... [43] |
35 | कार्टून:- हज़ारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है ... [9] | सुनामी की बाहों में ..... [43] |
36 | तलाश निकले थे कुछ दूर हम, आज़ाद पंछी की तरह, मिल [9] | लालू नितीश के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी !! [43] |
37 | कई अनुत्तरित प्रश्नों को छोड़ गयी वर्धा में आयोजित संगोष्ठी [9] | आज एक सवाल ---लोग पीपल के पेड़ की पूजा क्यों करते हैं ? [43] |
38 | जो उनकी तमन्ना है बर्बाद हो जा....राजेन्द्र कृष्ण और एल पी के साथ मिले रफ़ी साहब और बना एक बेमिसाल गीत [9] | माईएसक्यूएल डाटाबेस का बैकअप कैसे लें [42] |
39 | बस ... मुझसे मेरा हाल ना पूछा ...!! [8] | अनमाप, अनियंत्रित भ्रष्टाचार के सागर में आशा की किरणें भी हैं [42] |
40 | घर [8] | भाषाई मर्यादा [42] |
6 comments:
एक महत्वपूर्ण विषय की तरफ आपने ध्यान आकृष्ट किया...आभार.
कभी 'शब्द-शिखर' पर भी पधारें !!
पहले ऐसी शिकायतें शुरू कराके श्रीमान ब्लागवाणी बन्द करा चुके
अब क्या चिटठाजगत बन्द कराना चाहते हैं?
विश्व गौरव
कैसी शिकायतें? क्या अपने विचार रखने का अर्थ शिकायत करना होता है?
वैसे न तो मैंने ब्लोगवाणी को ही बन्द करवाया है और न ही मेरा इरादा चिट्ठाजगत को बन्द कराने का है। मैं कौन होता हूँ किसी संकलक को बन्द करवाने वाला?
किन्तु यहाँ पर मैं यह भी बता देना उचित समझता हूँ कि न तो ब्लोगवाणी के बन्द होने से मुझे कोई विशेष हानि हुई है और न ही चिट्ठाजगत के बन्द हो जाने से होगी।
अवधिया जी,
जितनी मेहनत आपने इस आंकड़ा संकलन और उसके प्रेसेंजेटेशन के लिए टेबल-टूबूल बनाने में की है, अगर उसका आधा भी किसी सार्थक विषय पर सोचने में करते तो अच्छी खासी पोस्ट बन सकती थी।
यह मुद्दा बेमतलब है और फिजूल है कि कौन उपर गया, कौन किसको वैल्यू नहीं दे रहा है वगैरह वगैरह।
आपको क्या लगता है कि वहा पर कोई बंदा लकड़ी या रस्सी लेकर बैठा है जो किसी भी पोस्ट को उपर नीचे पकड़ कर खींच-उतार रहा है :)
हर बात की टेक्निकेलिटी होती है और उसी के अनुसार कोई ऐग्रीगेटर फंक्शन करता है, न कि ब्लॉगजगत की चिलगोजईयों की तरह :)
यदि आपको मेरी बात का बुरा लगे तो क्षमाप्रार्थी हूं लेकिन इन सब बातों में बहस करने का कोई फायदा नहीं है।
अवधिया जी , क्यों चिंता करते हैं । पाठक अपने फोलोवर ही होते हैं जो ज़रूरी नहीं अग्रीगेटर से होकर आयें ।
पाठन का चटका लगाना अलग बात है । टिपण्णी देने के लिए पढना भी पड़ता है ।
पीपल के पेड़ पर आपके विचार बहुत अच्छे लगे । आभार ।
आप भी किन चक्करों में पड़ गये!
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