कभी स्कूल के दिनों में "किस्सा हातिमताई" पढ़ा था, किस्सा तो अब याद नहीं है पर इतना याद है कि उसमें एक किस्से का शीर्षक "एक बेर देखा है और एक बेर देखने की तमन्ना है" जैसा कुछ था। हातिमताई लिखा जाने से आज तक जमाना बहुत बदल चुका है और आजकल उस जमाने के शीर्षकों जैसा शीर्षक लिखने का जरा भी चलन नहीं है। पर पुराने समय का आदमी याने कि सठियाया हुआ बुड्ढा होने के कारण मुझे वह शीर्षक आज भी अच्छा लगता है। उस किस्से में किसी ने एक अनिंद्य सुंदरी को देखा था और उसी सुंदरी को फिर से एक बार देखने की उसकी तमन्ना थी। हमने भी एक बार सन् 1983 में क्रिकेट वर्ल्डकप में जीत, जो यदि अनिंद्य सुंदरी नहीं है तो उससे कम भी नहीं है, देखी थी और आज फिर से क्रिकेट वर्ल्डकप में जीतने की तमन्ना है। आज प्रत्येक भारतीय सिर्फ यही बात बात सोच रहा है कि "एक बेर जीता है और एक बेर जीतने की तमन्ना है!"
आइये, हम सभी मिलकर ईश्वर से कामना करें कि हम सबकी यह तमन्ना पूरी हो!
आइये, हम सभी मिलकर ईश्वर से कामना करें कि हम सबकी यह तमन्ना पूरी हो!
5 comments:
खेल में हार और जीत तो लगी ही रहती है लेकिन हमारा देश जीते यह तमन्ना भी हमेशा रहती है, इसलिए करोडों देशवासियों की यह तमन्ना पूरी हो, यही कामना है।
'सठियाया हुआ बुड्ढा' - ये कौन जनाब हैं.
दिल मागे मोर।
देखिये क्या होता है...
विश्व कप में भारत की जीत पर आप सबको ढेरों बधाइयाँ ।
ट्रूली , वी आर द चैम्प्स ।
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