बाल बढ़ जाते हैं तो कटवाना तो पड़ता ही है। कल हमारे लड़के ने बाल कटवाने के लिये हमसे पैसे माँगे तो हमने उसे बीस रुपये दे दिये। दो ढाई घंटे बाद वह एकदम स्मार्ट बनकर आया और हमसे सौ रुपये माँगने लगा। पूछने पर उसने बताया कि साठ रुपये तो सिर्फ बाल कटवाने के लगे और फेस मसाज के साथ और भी ना जाने क्या क्या के चालीस रुपये अलग लगे। मित्र से उधारी लेना पड़ा। अब हम क्या करते? सौ का एक नोट निकाल कर देना पड़ा उसे।
पहले तो हमें यह खयाल आया कि कि हम तो मात्र बीस रुपये में बाल कटवाते हैं और हमारा बेटा सौ रुपये में, फिर हमें अपने कॉलेज के दिनों की याद आ गई जब हमारे पिताजी दो रुपये में कटिंग करवाते थे तो हम पाँच रुपये में।
याने कि सदा से यही परम्परा रही है कि बाप के कटिंग से बेटे की कटिंग की कीमत ज्यादा होती है।
चलते-चलते
नाई की दुकान में एक आदमी एक बच्चे को लेकर पहुँचा और नाई से अपनी और बच्चे की कटिंग करने के लिये कहा। नाई बच्चे की कटिंग करने के लिये कुर्सी पर पाटा लगा रहा था तो आदमी ने कहा, "देखो भाई, मुझे बाजार में कुछ जरूरी काम है। तुम पहले मेरी कटिंग बना दो ताकि जब तक तुम बच्चे की कटिंग करोगे मैं अपना काम निबटा लूंगा।"
नाई ने वैसा ही किया। कटिंग बन जाने पर आदमी बाजार के लिये निकल गया और नाई ने बच्चे की कटिंग करना शुरू किया।
बच्चे की कटिंग बन जाने पर भी आदमी वापस नहीं आया तो नाई ने बच्चे से पूछा, "बेटे, पापा किधर गये हैं?"
"वो मेरे पापा नहीं हैं।" बच्चे ने बताया।
"तो चाचा होंगे।"
"वो मेरे चाचा भी नहीं हैं।"
"तो कौन हैं?"
"उन अंकल को तो मैं जानता ही नहीं। मैं खेल रहा था तो वे आकर बोले कि बेटे फ्री का कटिंग करवाओगे? और मेरे हाँ कहने पर मुझे अपने साथ यहाँ ले आये।" बच्चे ने उत्तर दिया।
19 comments:
संसार को जीतने वाला अपनी औलाद से हार जाता है।
और खुश रहता है कि औलाद ने हरा दिया--अस्तु।
यह तो होता आया है जी. बाप बेटे में कुछ फर्क होगा कि नहीं? :)
अपने बच्चों के लिये जो करो कम है और हम कितनी भी मितव्ययिता कर लें पर बच्चों के लिये नहीं कर पाते, और ये फ़्री कटिंग का फ़ार्मुला बढ़िया है।
इसीलिये कहावत बनी होगी "बाप सेर तो बेटा सवा शेर"
फ़्री कटींग वाले ताऊ फ़ार्मुले सार्वजनिक करके आप क्यों ताऊ के धंधे की वाट लगा रहे हैं?:)
रामराम.
सही है... बाप मरे अंधेरे में... बेटा पावर हाऊस...
वैसने भी डोकरा मन के हजामत ला सस्ता मा करथे। काबर के झटकुन पीछा छुटै, नही त चार झिन गिराहिक भाग जाही अउ सोज्झे नुकसानी हो जाही।
जोहार ले
फ्री कटिंग का आईडिया बढ़िया है !
बिलकुल सही कहा जी... ओर जल्दी से उस नाई को बता दो वो आदमी हमारा ताऊ था, जो फ़्रि मै कटिंग करवा गया
...बहुत खूब ... लाजवाब दोनों अभिव्यक्तियां !!!
लाजवाब फ्रीकटिंग फार्मूला!
फ्री में कटिंग कराने का सही फार्मूला है. :)
हा हा हा ! अवधिया जी , आज तो खुश कर दिया ।
वैसे ये कटिंग की समस्या सब जगह एक जैसी ही है।
बच्चे बाल कटवाने के पैसे दुगने देते हैं और कटवाते आधे हैं।
बिलकुल सही कहा है...बच्चों के बाल कटवाने के ज्यादा ही पैसे लगते हैं...फ्री कटिंग बढ़िया रही..
व्हाट एन आईडिया सर जी .....फ्री-फंट में बाल कटवाने का आईडिया देने के लिए...ek big thanks ....ये ऐसे गुड आयडिया अच्छे दिमाग में ही आते है हमारे जैसे भोगस दिमाग में नहीं ...मज़े कर दिए ...कसम से
http://athaah.blogspot.com/
अवधिया जी, अब वो जमाने कहाँ रहे जब पीपल के पेड के नीचे बैठा नाई ही सारे गाँव के बाल मूंडा करता था.....
फ्री में कटिंग कराने का सही फार्मूला है. :)
नाई ने और कुछ किया हो या न हो, उस बच्चे को गुस्से में गंजा ज़रूर कर दिया होगा...
जय हिंद...
free men kating krane ka farmula aap ne khndani btadya jin logon men dharmik taleem nahe hoti vo is tarah ke formole btate hen aap ne sabit kardya keh doosron kh haq kese khayajata he
फ्री कटिंगआईडिया, भी बढ़िया रहा :)
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