Thursday, June 3, 2010

खुशखबरी... खुशखबरी... खुशखबरी... ब्लोगिंग से कमाई शुरू

आप तो जानते ही हैं कि आजकल विज्ञापन का जमाना है और आप विज्ञापन के महत्व को भी अच्छी तरह से समझते हैं। ये विज्ञापन चीज ही ऐसी है कि किसी उत्पाद को बाजार में आने के पहले ही सुपरहिट बना देती है। अच्छे से अच्छा उत्पाद विज्ञापन के अभाव में पिट जाता है और सामान्य से भी कम गुणवत्ता वाला उत्पाद विज्ञापन के बदौलत हिट हो जाता है। तो फिर आखिर अपने ब्लोग का अन्य ब्लोग में विज्ञापन करने में बुराई ही क्या है?

इसीलिये हमने निश्चय किया है कि आप हमारे पोस्टों में टिप्पणी करते हुए अपने ब्लोग का विज्ञापन कर सकते हैं, और वह भी बहुत सस्ते दर पर। विज्ञापन के दर इस प्रकार हैं:

  • बिना किसी लिंक के प्रचार वाली टिप्पणी के लिये रु.100 मात्र
  • आपकी टिप्पणी में एक लिंक के लिये रु.200 मात्र
  • आपकी टिप्पणी में दो लिंक के लिये रु.300 मात्र
  • आपकी टिप्पणी में तीन से पाँच लिंक के लिये रु.500 मात्र
  • हमारे ब्लोग के साइडबार में आपके ब्लोग का विजेट लगाने के लिये रु.2000 प्रतिमाह मात्र
सीमित संख्या में ही विज्ञापन स्वीकार किये जायेंगे अतः शीघ्रता करें अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा।

कृपया विज्ञापन देने से पहले हमसे सम्पर्क कर लें ताकि हम आपको अग्रिम भुगतान के तरीके के विषय में बता दें।

टिप्पणी में लिंक देकर विज्ञापन के आरम्भ होने के कारण आज से टिप्पणी मॉडरेशन शुरू किया जा रहा है। विज्ञापन वाले उन्हीं टिप्पणियों को प्रकाशित किया जायेगा जिनके लिये भुगतान अग्रिम रूप से प्राप्त हो चुका रहेगा।

आप लोगों ने शायद गौर किया होगा कि आजकल यह रवैया बन गया है कि लोग पोस्ट को पढ़ें या ना पढ़ें किन्तु टिप्पणी अवश्य करते हैं। टिप्पणी कर के लिये लोग पापा, दादा, अनामी, बेनामी कुछ भी बन सकते हैं। याने कि टिप्पणी करके अपना प्रचार करना या फिर दिल की भड़ास निकालना एक शौक बन गया है। टिप्पणी करने वाले इस शौक को छोड़ कर सभी शौक को पूरा करने के लिये आखिर खर्च तो करना ही पड़ता है तो फिर टिप्पपणी वाली यह शौक ही क्यों फोकट में पूरी हो। कम से कम हमारे ब्लोग में तो यह शौक आज से फोकट में पूरा नहीं होगा। यही सोचकर हमने इस प्रकार के विज्ञापन की योजना बनाई है ताकि लोगों का शौक भी पूरा होता रहे और हमें भी कुछ आमदनी हो जाये। खैर आमदनी तो क्या होगी, क्योंकि लोगो खर्च करने का नाम सुनकर ही ऐसे गायब हो जायेंगे जैसे कि "गधे के सिर से सींग",  पर हाँ अवांछित टिप्पणियों से जरूर कुछ ना कुछ छुटकारा मिल जायेगा।

31 comments:

honesty project democracy said...

व्हाट ऍन आइडिया अवधिया जी .बहुत खूब ब्लॉग पर ब्लॉग का विज्ञापन, आइडिया बुरा नहीं है ?

दिलीप said...

badhiya...

Unknown said...

चलिये रेट फ़िक्स करके आपने पहल तो की, अब हम जैसे फ़ॉलोअर भी अपने ब्लॉग के रेट्स तय करते हैं…, धन्यवाद आपका…

आज खूब हिट्स मिलेंगे आपको… :) :) हेडिंग ही ऐसी शानदार दी है आपने… :)

SANJEEV RANA said...

अच्छी जानकारी के लिए अवधिया साहब का आभार .



आज मेरी ये अंतिम टिप्पणियाँ हैं ब्लोग्वानी पर.
कुछ निजी कारणों से मुझे ब्रेक लेना पड़ रहा हैं .
लेकिन पता नही ये ब्रेक कितना लंबा होगा .
और आशा करता हूँ की आप मेरा आज अंतिम लेख जरूर पढोगे .
अलविदा .
संजीव राणा
हिन्दुस्तानी

Unknown said...

संजीव राणा जी की उपरोक्त टिप्पणी उनके अन्तिम लेख का बिना लिंक वाला प्रचार है जिसे नमूने के तौर पर मुफ्त में प्रकाशित किया गया है।

kunwarji's said...

अरे वाह!

अभी क्या मुझे एक १०० मिलेंगे जो मै लिंक दू तो.....?

कुंवर जी,

Unknown said...

कुँअर जी, उल्लू बनाने के लिये आपको हमारे सिवाय कोई दूसरा नहीं मिला क्या? :-)

शिवम् मिश्रा said...

बहुत उम्दा आईडिया है सर जी | आभार !

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

गुरुदेव आपने सही काम किया
अब दुकान की बढ जाएगी चमक
सब कुछ हो जाएगा चका चक
सुपर रिन से धोकर लगाएंगे लिंक
विज्ञापन लगेगा सुपरफ़ास्फ़ेट और जिंक

धान के देश में खेती होगी
नांगर चलेगा जोंताई होगी

बढिया समय में थरहा डाला है आपने
रोपाई समय पर होगी तो फ़सल होगी

आभार
हमारा भी ध्यान रखना।

राजकुमार सोनी said...

अरे पापाजी, मामाजी, चाचाजी, आचार्यजी, दादाजी, भूतनी, जलजला,भूतनाथ, पलक देखो तो अवधिया जी क्या नया प्लान लेकर आएं है।
काफी रोचक प्लान है।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

खुशखबरी... खुशखबरी... खुशखबरी... ब्लोगिंग से कमाई शुरू-------अवधिया जी की :-)
हा हा हा.....क्या आईडिया है!

M VERMA said...

मेरे ब्लाग पर आईए
नए आईडिया पाईए
लिंक नीचे दे रहा हूँ
http://dhankedeshme.blogspot.com/2010/06/blog-post_03.html

लाईए 200 रूपये

Unknown said...

नमूने के तौर पर हमने श्री M VERMA जी की एक लिंक वाली टिप्पणी को भी मुफ्त में प्रकाशित कर दिया है ताकि आगे हमें अधिक से अधिक विज्ञापन मिलते रहें।

वैसे हम जानते हैं कि वर्मा जी मुफ्त में काम करवाने के आदी नहीं हैं इसलिये वे जल्दी ही हमें 200 भेज देंगे।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

आज नमुना मुफ़्त में प्रकाशित किया जा रहा है
सोचा कि अब हम बहती गंगा में हाथ धोलें,
अवश्य ही कल से तो अवधिया जी बिल भेज देंगे।

दिल्ली यात्रा-6-बरसों पुरानी कहावत बदली दिल्ली वालों ने

Ra said...

आपने अच्छा किया जो लिख दिया की कितने पैसे मिलेंगे ... :) पर हमें पैसे नहीं चाहिए ,,,आप हमारा विज्ञापन छाप दे ,,,हम आप से एक भी पैसा नहीं लेंगे :) आखिर आपकी पोस्ट और ब्लॉग को पोपुलर करने के लिए इतना तो कर ही सकते है : ) :) :)

अन्तर सोहिल said...

बहुत सही किया जी आपने
अब कुछ पलकें, पलक झपकना भूल जायेंगीं।
हमें तो अपने ब्लाग पर ट्रैफिक नही बढाना इसलिये विज्ञापन देने की कोई जरूरत नहीं है।
हा-हा-हा
प्रणाम

drsatyajitsahu.blogspot.in said...

sahi hai .......................

राज भाटिय़ा said...

जी.के. अवधिया जी यह गलत बात है, लिंक भी हम दे ओर पेसे भी.... चलिये हमारे साथ ठेका कर ले, हमारे ब्लांग मै चाहे जितनी लिंक दे हर महीने ५०० रुपयए हमारे निम्न बेंक मै जमा कर दे, ओर पांच नये ग्राहक लाने पर आप को छटा ग्राहक यानि उस के पेसे आप ले ले:) जल्दी किजिये यह आफ़र सिर्फ़ दो साल के लिये है

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

चलिए एक बड़ा काम किया आपने... आपके रेट्स को हम एवरेज मार्केट प्राइस मान लेते हैं....

कुछ कमाई और कुछ राहत / वाह वाह!

रंजन (Ranjan) said...

समझ नहीं आया.. पैसे आप दोगो या लोगे... वैसे रेट बहुत कम रखी हे,

Unknown said...

आज की कई टिप्पणियों को पढ़कर मुझे अपने दुर्भाग्य का आभास हुआ कि मैं इतनी अच्छी हिन्दी नहीं जानता कि अपने पाठकों को अपनी बात सही प्रकार से समझा सकूँ। चलिये और अधिक अभ्यास करूँगा ताकि अपनी बात को समझा सकूँ। अभ्यास से तो मूर्ख भी ज्ञानी हो जाता है, इसीलिये कहा गया हैः

करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान॥

उन समस्त टिप्पणीकर्ताओं को कोटिशः धन्यवाद जिनकी टिप्पणी पढ़कर मुझे अपनी कमी का एहसास हुआ।

Anonymous said...

आप तो बस यह बता दीजिए मुझे कि मेरी टिप्पणी अवांछित तो नहीं :-)

बी एस पाबला

Unknown said...

वाह पाबला जी, आप अच्छी तरह से समझते हैं कि पापाजी, मामाजी, चाचाजी, आचार्यजी, दादाजी, भूतनी, जलजला,भूतनाथ, पलक आदि के द्वारा, बिना किसी पोस्ट को पढ़े, पोस्ट से असम्बन्धित, महज स्वार्थवश या दिल की भड़ास निकालने के लिये की गई टिप्पणियाँ ही अवांछित टिप्पणियाँ होती हैं । फिर भी मुझसे शंका समाधान चाह रहे हैं? :-)

कडुवासच said...

...क्या बात है ... दमदार प्रोजेक्ट है!!!!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

गुरुदेव आपके गुढ ज्ञान रहस्य को हिंदी ब्लागर नहीं समझ पाते।

क्रोध ना करें महाराज शांत हो जाएं और इतने गरिष्ठ ज्ञान का उपदेश ना करे जो हमारे जैसे मूढमति के पल्ले ही नहीं पड़े।

हां अगर ईंगरेजी में कुछ लिखते तो बात बन जाती फ़िर तो हम शब्दकोष भी छान डालते।

आपसे विनम्र अनुरोध है भविष्य में ध्यान रखें

राजीव तनेजा said...

आईडिया तो दमदार सुझाया है गुरुदेव

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

अरे! वाह...........

बाल भवन जबलपुर said...

दरें झेलेबल हैं गुरु

बाल भवन जबलपुर said...

गुरु अपना नाम भी नोद लीजिये ........

सूर्यकान्त गुप्ता said...

बने आइडिया हे। अब मै भार ला आ कहि के नई कहौ "आभार"। मै बधाई देना चाहहू। बने लिखे हौ।लेकिन जेखर टिप्पणी या पोस्ट अन्ते तन्ते लिखाय होय ओला आप सोझ बाय लिख दे करौ जेखर ले ओला अपन गल्ती के पता चल जाय्।

"सांड" बनारसी said...
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