Saturday, June 26, 2010

इंटरनेट और भारत

इंटरनेट के आविर्भाव ने सम्पूर्ण विश्व में एक नई क्रान्ति उत्पन्न कर दी है। आज हम अपने घर में बैठकर ही अनेकों आवश्यक कार्यों को इंटरनेट की सहायता से निबटा सकते हैं। इंटरनेट ने “वसुधैव कुटुंबकम्” की धारणा को सत्य में परिणित कर दिखाया है। आप किसी भी समय किसी भी देश के किसी भी व्यक्ति से सम्पर्क कर सकते हैं। ईमेल अथवा एसएमएस के द्वारा कहीं पर भी तत्काल संदेश भेजा जा सकता है।

विकसित देशों में इंटरनेट का प्रयोग एक लम्बे समय से किया जा रहा है। अधिकांश कार्यालयीन तथा निजी कार्य कम्प्यूटर तथा इंटरनेट के द्वारा ही किये जा रहे हैं। यहाँ तक कि नाश्ता, खाना तक भी आनलाइन रेस्टॉरेंटों से मंगवाये जा सकते हैं। बस किसी  आनलाइन रेस्टॉरेंट के वेबसाइट को अपने कम्प्यूटर में खोलिये और मीनू में मनपसंद वस्तुओं को क्लिक कर दीजिये। क्रेडिट कार्ड से भुगतान भी हो जायेगा और कुछ समय में ही आपका नाश्ता या खाना आपके कार्यालय या घर में पहुँचा दिया जायेगा।

किन्तु भारत में पहले उपयुक्त सुविधाओं के अभाव के कारण इंटरनेट का प्रयोग सीमित था। विगत कुछ वर्षों में भारत में भी आधुनिक सुविधाओं का बड़ी तेजी के साथ विकास हुआ है और हम भी अब विकसित देशों की दौड़ में सम्मिलित हो चुके है। एक दो साल पहले इंटरनेट के प्रयोग के मामले में भारत का कोई स्थान नही था पर आज विश्व भर के इंटरनेट यूजर्स के मामले में अब भारत का स्थान चौथा हो गया है। भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 8,81,00,000 (88.1 मिलियन) है।

टॉप 10 दस देशों की लिस्ट इस प्रकार है:
  • यूनाइटेड स्टेट्स आफ अमेरिका 220 मिलियन यूजर्स
  • चीन 210 मिलियन यूजर्स
  • जापान 88.1 मिलियन यूजर्स
  • भारत 81 मिलियन यूजर्स
  • ब्राजील 53 मिलियन यूजर्स
  • यूनाइटेड किंगडम 40.2 मिलियन यूजर्स
  • जर्मनी 39.1 मिलियन यूजर्स
  • कोरिया 35.5 मिलियन यूजर्स
  • इटली 32 मिलियन यूजर्स
  • फ्रांस 31.5 मिलियन यूजर्स
यद्यपि लगता है कि 88.1 मिलियन एक बहुत बड़ी संख्या है पर देखा जाये तो भारत के 300 मिलियन कर्मचारियों की तुलना में भारत में इंटरनेट यूजर्स की तादात अभी बहुत कम है। लगता है कि भारत में अभी भी इंटरनेट सुविधा की कीमत अपेक्षाकृत ज्यादा है और इसी कारण से अधिकतर लोग अपने आफिस से या फिर साइबर कैफे से ही इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। पर यह तय है कि निकट भविष्य में इस संख्या में इजाफा ही होना है। यदि जल्दी ही भारत का स्थान चौथे से पहले या कम से कम दूसरे में आ जाये तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

7 comments:

संजय बेंगाणी said...

इंटरनेट के उपयोग के लिए कम्प्यूटर की जरूरत होती है. जैसे जैसे दुसरे सस्ते साधन उपलब्ध होंगे, उपभोक्ता भी बढ़ेंगे.

शिवम् मिश्रा said...

चलिए फिर भी हम चौथे नंबर पर तो है !

honesty project democracy said...

अवधिया जी हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं की इंटरनेट का सही और समुचित उपयोग पूरी मानव जाती के उत्थान में बेहद सहायक और उपयोगी सिद्ध हो सकता है लेकिन भर्ष्टाचार इसके विकाश में भी बाधक बन रहा है ,जिस देश के संबैधानिक उच्च पदों पर बैठे भ्रष्ट लोग इस देश के नागरिकों को शिक्षित बनाने में भी बाधा उत्पन्न करते है उनसे यह अपेक्षा तो हम कर नहीं सकते की उनके द्वारा लोगों को इन्टरनेट के प्रशिक्षण में कोई सार्थक और ठोस सरकारी पहल की जाएगी | इस दिशा में सच्चे समाजसेवकों और समर्पित ब्लोगरों को ही पहल करनी होगी | मैं अभी बिहार के कुछ जिलों के सामाजिक जाँच के अभियान पर हूँ और गांव में नेटवर्क व बिजली की समस्या की वजह से ब्लॉग नहीं लिख पा रहा हूँ और टिप्पणियां भी देने में असमर्थ महसूस कर रहा हूँ जबकि लिखने को बहुत कुछ है ,सामाजिक जाँच में इंसानियत को शर्मसार करने वाली ढेरों बातें है जिसे अन्य ब्लोगरों को बताने की इक्षा है ,गांवों में कई देश भक्त ब्लोगर भी बनाने का प्रयास कर रहा हूँ इसके लिए http://jantakireport .blogspot .com पर जाकर नए ब्लोगरों का आपलोग हौसला बढ़ा सकते हैं | मुझे एहसास हो रहा है की हर गांव में भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद,डॉ.राजेन्द्रप्रसाद और महात्मा गाँधी आज भी मौजूद है जिसे सुरक्षा और सहायता के साथ एकजुटता की ताकत पहुँचाने की जरूरत है | एक-दो दिन में सीतामढ़ी के DM और SP से सामाजिक मुद्दों पर मीटिंग है देखिये क्या परिणाम और सार्थक पहल की शुरूआत इन लोगों के साथ मीटिंग के बाद होती है | लगभग दस दिनों बाद दिल्ली लौटूंगा तो बिहार के जमीनी हकीकत को सभी ब्लोगरों को बताऊंगा | इस दरम्यान किसी को हमसे संपर्क करना हो तो हमें -09810752301 पर फोन कर सकते हैं | दिल्ली में आने वाले दिनों में IRI .ORG .IN के संस्थापक सदस्यों से हमारी मीटिंग है जिसमे हम सामाजिक मुद्दों पर गंभीर ब्लोगरों को भी इस मीटिंग में जरूर शामिल करने का प्रयास करेंगे जिससे पूरे देश में असल लोकतंत्र के लिए आंदोलनरत लोगों के लिए एक मजबूत सुरक्षा तंत्र का निर्माण किया जा सके |

राज भाटिय़ा said...

लेकिन भारत मै अभी भी इंटरनेट सही रुप मै सही स्पीड मै नही आया, ओर लगता है कभी आयेगा भी नही, क्योकि हमारे सारे काम आधे अधुरे ही होते है... जेसे पानी की सपलाई, बिजली, टेली फ़ोन वेसे ही अब इंटरनेट .... लेकिन फ़िर भी ....

मनोज कुमार said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 27.06.10 की चर्चा मंच (सुबह 06 बजे) में शामिल किया गया है।
http://charchamanch.blogspot.com/

राजकुमार सोनी said...

अच्छी पोस्ट के लिए बधाई।

राजकुमार सोनी said...

भाई साहब थोड़ा वक्त निकालकर बात कर लीजिएगा।