Sunday, June 27, 2010

कभी भारत का नक्शा ऐसा हुआ करता था


(चित्र ब्लोग.लुकइंडिया से साभार)

चलते-चलते

देश दो करेंसी एक

यद्यपि पाकिस्तान को 14th अगस्त, 1947 के दिन, अर्थात् भारत की स्वतंत्रता से एक दिन पूर्व, स्वतंत्रता प्राप्त हुई किन्तु करेंसी के मामले में उसे 30 September, 1948 तक भारत पर ही निर्भर रहना पड़ा था क्योंकि उस दौरान दोनों देशों के मुद्रा प्रबंधन का पूरा भार भारतीय रिजर्व बैंक पर ही था। देखें सन् 1947 के एक रुपये का चित्र जिसमें, Government of India के साथ ही साथ बायीं ओर, Government of Pakistan भी मुद्रित है।

14 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

नोट के चित्र के लिए विशेष आभार.

अहा ! पाकिस्तानियों ने भारत के इस नोट पर भी तभी हुकूमत-ए-पाकिस्तान लिख लिया था :)

अब समझ आया कि पाकिस्तान बचपन से ही भारत की करेंसी के साथ खिलवाड़ क्यों करता चला आ रहा है... जिसे हम नकली भारतीय मुद्रा कहते हैं उसकी तकनीक तो हमने ही उसे दी है, सिद्ध हो गया :)

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

अच्छी पोस्ट
बहुत ही बढिया जानकारी संडे स्पेशल में

जोहार ले

आशीष मिश्रा said...

जो हुआ सो हुआ पर जरुरत अब इस बात कि है हमारा भारत देश कहीं इससे छोटा ना हो जाए.
भारत प्रश्न मंच आपका स्वागत करता है. http://mishrasarovar.blogspot.com/

माधव( Madhav) said...

जानकारीपूर्ण आलेख

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

नायब जानकारी और ये नोट भी ..

सूर्यकान्त गुप्ता said...

रोचक जानकारी! आभार।

M VERMA said...

बहुत अच्छी जानकारी

राजकुमार सोनी said...

अपन तो देश को नमन करते हैं और देश के नक्शे को भी। सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ने कहा है कि देश सिर्फ कागज का नक्शा नहीं है जिसे हम फाड़कर फेंक दे।
अच्छी जानकारी दी आपने।

राज भाटिय़ा said...

आप का धन्यवाद इस सुंदर जानकारी के लिये, लेकिन इस नोट पर चित्र किस फ़िरंगी का छपा है???

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

रोचक जानकारी। अच्छी प्रस्तुति।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

बेहद रोचक! नोट वाली जानकारी तो हमारे लिए बिल्कुल नई है...
आभार्!

राम त्यागी said...

बहुत ही अच्छी खोज, कहाँ से निकाला ये हीरा आपने ?

नीरज मुसाफ़िर said...

बहुत काम की जानकारी दी है।

Anonymous said...

Thanks nice job you have doing here