Wednesday, April 16, 2008

वेब-बेस्ड प्रॉक्सी (Web-based Proxy) क्या होता है

जब भी आप इन्टरनेट में किसी वेबसाइट को खोलते हैं तो उस वेबसाइट के द्वारा आपका IP Address नोट कर लिया जाता है। IP Address बताता है कि आप किस स्थान से उस वेबसाइट में पहुँचे हैं। यद्यपि IP Address आपकी व्यक्तिगत जानकारियाँ तो नहीं मिलतीं किन्तु यह अवश्य पता चल जाता है कि आप इन्टरनेट में सर्फिंग कहाँ से कर रहे हैं, अपने घर से, अपने आफिस से या किसी साइबर कैफे से। मतलब यह है कि इन्टरनेट में सर्फिंग करते वक्त आपकी गोपनीयता बरकरार नहीं रहती।

यदि आप अपनी गोपनीयता बरकरार रखना चाहते हैं तो आपको किसी ऐसे वेब-बेस्ड प्रॉक्सी के माध्यम से इन्टरनेट में सर्फिंग करना होगा जो कि आपके IP Address को प्रकट होने दे। ऐसे ही सर्व्हर्स को वेब-बेस्ड प्रॉक्सी (Web-based proxy) कहा जाता है। जब भी आप किसी वेब-बेस्ड प्रॉक्सी के माध्यम से इन्टरनेट में सर्फिंग करते हैं तो उस प्राक्सी सर्व्हर का ही IP Address नोट होता है कि आपका।

वास्तव में वेब-बेस्ड प्रॉक्सी आपके वेब ब्राउसर के भीतर बैठ जाता है और चाही गई वेबसाइट को स्वयं के भीतर लाकर आपके ब्राउसर के माध्यम से आपको दिखाता है। मान लीजिये कि आप Proxy Surf Anywhere! वेब-बेस्ड प्रॉक्सी के माध्यम से किसी वेबसाइट को खोलना चाहते हैं तो उसमें आपको नीचे दर्शाये अनुसार एक बॉक्स दिखाई पड़ेगा।


इसी बॉक्स में चाहे गये वेबसाइट का URL टाइप कर दिया जाता है और वह वेबसाइट वेब-बेस्ड प्रॉक्सी के माध्यम से आपके ब्राउसर में खुल जाता है और आप बिल्कुल बेनाम (anonymous) रह कर मजे के साथ सर्फिंग कर सकते हैं।

वेब-बेस्ड प्रॉक्सी के माध्यम से सर्फिंग के निम्न फायदे भी हैं।

  • बैंडविड्थ की बचत होती है और साइट्स शीघ्रतापूर्वक खुलते हैं।

  • ब्लॉक कर दिये गये वेबसाइट्स, जो कि ब्राउसर में नहीं खुल पाते, भी आसानी के साथ वेब-बेस्ड प्रॉक्सी के माध्यमसे खुल जाते हैं।

अधिकांशतः वेब-बेस्ड प्रॉक्सी ब्लॉक कर दिये जाते हैं क्योंकि उनका प्रयोग प्रायः स्कूलों तथा कार्यालयों में ब्लॉक कर दिये गये वेबसाइट्स को खोलने के लिये प्रयोग किया जाता है।

5 comments:

डॉ .अनुराग said...

saral bhasha me samjhane ke liye shukriya.

Alpana Verma said...

Thanks for the information --lekin aisee almost every site jo proxy sevrer deti hai is blocked by UAE etisalate server...aaj bhi log orkut /flickr jaisee sites[jo yahan ban hain] ko kholne ke liye proxy sites dhundhte rahete hain--

Unknown said...

अल्पना जी,

आपका कथन बिल्कुल सत्य है कि जानकारी मिलने पर प्रॉक्सी सर्व्हर ब्लॉक कर दिये जाते हैं किन्तु जितने प्रॉक्सी सर्व्हर्स ब्लॉक होते हैं उतने ही या उनसे भी कहीं अधिक नये प्रॉक्सी सर्व्हर बन भी जाते हैं क्योंकि प्रॉक्सी साइट्स बनाने वाले को गूगल एडसेंस और एडब्राइट, एडव्हर्सल आदि विज्ञापन संस्थाओं से अच्छी खासी आमदनी होती है। यदि orkut /flickr जैसे साइट् में प्रॉक्सी के माध्यम से जाना हो तो http://proxy.org में नये प्रॉक्सी साइट्स सूची हमेशा उपलब्ध रहती है।

mamta said...

इस जानकारी को देने का शुक्रिया।

Udan Tashtari said...

आभार जानकारी के लिये.