इंटरनेट की असंख्य सुविधाओं में से एक महत्वपूर्ण सुविधा है ई-लर्निंग। याने कि अब कुछ सीखने के लिए आपको पाठशाला की चारदीवारी से घिरी कक्षा में, जहाँ पर कोई शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर चाक से लिखकर सिखाया करता है, कैद होने की आवश्यकता नहीं रह गई है। अब आप अपने घर में ही अपने इंटरनेट से कनेक्टेड कम्प्यूटर के समक्ष बैठ कर कोई ई-लर्निंग साइट खोलकर कुछ भी सीख सकते हैं। खान अकादमी भी एक ई-लर्निंग साइट है जहाँ पर कि सीखने के लिए अनेक विषयों के मुफ्त व्हीडियो पाठ उपलब्ध हैं। ई लर्निंग के इस मुफ्त प्लेटफॉर्म में गणित जैसे शुष्क विषय को सीखने के लिए इतने रोचक प्रकार के व्हीडियो पाठ हैं कि कोई भी व्यक्ति बड़े ही आसानी के साथ गणित सीख सकता है।
खान अकादमी के लाइब्रेरी में साधारण अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित से लेकर गणित त्रिकोणमिति, केलकुलस आदि तक के रोचक पाठ उपलब्ध हैं। इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित.... सभी विषय सम्मिलित हैं खान अकादमी में। वास्तव में यह अकादमी विश्व स्तर का ई-लर्निंग सेन्टर हैं जहाँ पर कोई भी व्यक्ति बिल्कुल मुफ्त में कुछ भी सीख सकता है।
खान अकादमी के स्थापना की कहानी बड़ी रोचक है। इसके संस्थापक समलमान खान नामक व्यक्ति हैं। हुआ यह कि एक बार सन् 2004 में सलमान खान की नाडिया नामक भतीजी को गणित विषय में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अतः उसने सलमान खान से गणित समझाने के लिए कहा। चूँकि सलमान खान और नाडिया अलग-अलग स्थानों में निवास करते थे, सलमान खान ने गणित समझाने के लिए याहू मेसेन्जर तथा नोटपैड का सहारा लिया। इसके बाद खान के अन्य रिश्तेदारों से भी कुछ विषयों को समझाने के लिए अनुरोध आने लग गए। खान को लगा कि उनके इस प्रकार से विषयों को समझाने का लाभ अन्य लोगों को भी मिल सकता है। अतः उन्होंने अलग-अलग विषयों के विभिन्न व्हीडियो पाठ बना कर यू ट्यूब में डालना आरम्भ कर दिया। कुछ ही समय में लोगों ने उनके पाठों को यू ट्यूब में ढूँढ निकाला और वे पाठ आश्वर्यजनक रूप से लोकप्रिय होने लगे। दिसम्बर 2009 तक तो यू ट्यूब में प्रतिदिन उनके लगभग35,000 व्हीडियो पाठ देखे जाने लगे।
आज खान अकादमी में विभिन्न विषयों के 2,300 से भी अधिक व्हीडियो पाठ उपलब्ध हैं।
Friday, June 3, 2011
Tuesday, May 31, 2011
कितने नाम जानते हैं आप विष्णु के?
अमरकोष के अनुसार भगवान विष्णु के निम्न नाम हैं:
- विष्णु
- नारायण
- कृष्ण
- गोविन्द
- दामोदर
- हृषीकेश
- केशव
- माधव
- जनार्दन
- गरुड़ध्वज
- पीताम्बर
- अच्युत
- उपेन्द्र
- चक्रपाणि
- चतुर्भुज
- पद्मनाभ
- मधुरिपु
- वासुदेव
- त्रिविक्रम
- देवकीनन्दन
- श्रीपति
- पुरुषोत्तम
- वनमाली
- विश्वम्भर
- पुण्डरीकाक्ष
- वैकुण्ठ (या बैकुण्ठ)
- दैत्यारि
- विष्णु के शंख का नाम है - पाञ्जन्य
- विष्णु के चक्रर का नाम है - सुदर्शन
- विष्णु के गदा का नाम है - कौमोदकी
- विष्णु के तलवार का नाम है - नन्दक
- विष्णु की मणि का नाम है - कौस्तुभ
Monday, May 30, 2011
क्या आप भारत के विषय में इन बातों को जानते हैं?
- कि भारत कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर उत्पादों के विश्व के बड़े निर्यातकों में से एक है तथा भारत 90 से भी अधिक देशों को सॉफ्टवेयर निर्यात करता है।
- कि भारत में लगभग 300,000 मस्जिदें हैं। मस्जिदों की यह संख्या समस्त मुस्लिम देशों के मस्जिदों की संख्या से भी अधिक है।
- कि भारत में यहूदी ईसा पूर्व 200 तथा ईसाई ईसा पश्चात् 52 से रहते चले आ रहे हैं।
- कि योग का जन्म भारत में लगभग 5,000 वर्ष पूर्व हुआ था।
- की भारत के तिरुपति तीर्थस्थान में प्रतिदिन औसतन 30,000 दर्शनार्थी आत हैं और मन्दिर की दान से प्राप्त आमदनी लगभग 6 मिलियन यू.एस. डालर प्रतिदिन है।
- अंग्रेजो के सत्ता में आने से पूर्व भारत विश्व का सर्वाधिक धनाड्य देश था।
- कि भारत के ऋषि बोधायन ने 6 शताब्दी में "पाई" का मान ज्ञात कर लिया था।
- कि बौद्धक खेल शतरंज का आविष्कार भारत में हुआ था।
- कि भारत की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है।
- कि भारत विश्व का सबसे बड़ा गणतन्त्र है।
- कि विश्व के सबसे बड़े देशों में भारत का स्थान 6वाँ है।
- कि भारत ने अपने 1,00,000 वर्षों के इतिहास में कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया।
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