हिन्दुओं के वेद संसार की सबसे प्राचीन रचना है। इन वेदों में ऋग् वेद सबसे प्राचीन वेद है। ऋग् वेद (Rig Veda) में सरस्वती नदी, जिसे कि भारत की आश्चर्यजनक नदी कहा जा सकता है क्योंकि आज वह विलुप्त हो चुकी है, से सम्बन्धित अनेक ऋचाएँ मिलती हैं। ऋग् वेद की इन ऋचाओं से ज्ञात से ज्ञात होता है कि सरस्वती नदी तत्कालीन हिन्दुओं के लिए जीवन रेखा थी।
आज सरस्वती नदी विलुप्त हो चुकी है इसलिए प्रायः लोग यही मान लेते हैं कि यह नदी केवल एक धार्मिक कल्पनामात्र है, इसका कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं था। किन्तु वेदों को ब्रह्मवाक्य मानने वाले लोगों का विश्वास है कि सरस्वती नदी का अस्तित्व था और आज भी यह नदी भूमि के नीचे बह रही है। अनेक ऐसे साक्ष्य मिलते हैं जो सरस्वती नदी के अस्तित्व को प्रमाणित करते हैं। NASA और ISRO के द्वारा उपग्रह से ली गई एरियल चित्र बताते हैं कि आज से हजारों साल पहले सरस्वती नदी भारत भूमि में भौगोलिक रूप से प्रवाहित हुआ करती थी। इन साक्ष्यों के प्रकाश में वैज्ञानिक भी सरस्वती नदी के अस्तित्व को मानने लग गये हैं।
वर्तमान मोदी सरकार को तो सरस्वती नदी के अस्तित्व के विषय में पूरा-पूरा विश्वास है और इस सरकार ने सरस्वती नदी को खोजने का प्रयास भी शुरू कर दिया है। आशा है कि भारत के इस विलुप्त तथा आश्चर्यजनक नदी के बारे में जानकारी बहुत जल्दी ही लोगो के समक्ष होगी।