Saturday, March 28, 2009

ऐसा सिर्फ भारत में होता है!

जी हाँ, ऐसा सिर्फ भारत में होता है!


हिन्दी ब्लोग्स से कमाई की अगली कड़ी - स्व प्रेरणा

Friday, March 27, 2009

हिन्दी ब्लोग्स से कमाई - कुछ और बातें

आप लोगों ने मेरे कल के पोस्ट में अपनी प्रतिक्रियाएँ देकर मेरा उत्साहवर्धन किया इसके लिये आप सभी को धन्यवाद!

आज के अपने लेख में मैं कुछ और बातें बताने जा रहा हूँ जिससे कि स्पष्ट हो जाये कि इंटरनेट मार्केटिंग क्या चीज है और हिन्दी के उन ब्लोगरों को, जो वास्तव में ब्लोगिंग के जरिये कुछ आमदनी चाहते हैं, आर्थिक लाभ मिल सके। सबसे पहले मैं कल की टिप्पणियों को ध्यान में रख कर कुछ बातें कहना चाहूँगा।
नरेश सिह राठौङ said...

इच्छा तो करती है लेकिन आशा नही है कि कमा पायेंगे । जानकारी बहुत अच्छी लगी । हिन्दी ब्लोग पर इसे गुप्त रखा जाता है । इसका ज्ञान तो बहुत से लोगो को है जो कमा भी रहे है लेकिन दूसरों के साथ शेयर करना नही चाहते है ।

Suresh Chiplunkar said...

नरेश जी की बात से सहमत हूँ कि ऐसे उपाय कई लोग अपना रहे हैं, लेकिन बताते किसी को नहीं हैं…

नरेश जी, आप बिल्कुल कमायेंगे पर आपको निराशा त्यागनी होगी। यह सही है कि इन बातों को न केवल हिन्दी वाले बल्कि अंग्रेजी वाले भी प्रायः गुप्त रखते हैं क्योंकि इन जानकारियों को वे ईपुस्तक का रूप देकर बेचते हैं। किन्तु मैं इन बातों को इसलिये बता रहा हूँ क्योंकि मैं चाहता हूँ कि कम से कम हिन्दी ब्लोगर्स को कुछ तो आर्थिक लाभ मिले। इन जानकारियों को प्राप्त करने के लिये मैंने पिछले पाँच वर्षों में अनेकों अंग्रेजी वेबसाइट्स, ब्लोग्स आदि की खाक छानी है और यह भी हो सकता है कि मैं भी आप लोगों को केवल उतनी ही जानकारी दूँ जिससे कि आपकी कमाई की शुरुवात हो जाये किन्तु बहुत सी गूढ़ बातों को, जिनसे कि आमदनी बढ़ती जाये, मैं भी बाद में बेचने का प्रयास करूँ।
Suresh Chiplunkar said...

वैसे एक बात बताना चाहूँगा कि दो साल से ऊपर हो गये ब्लॉग लिखते 300 से ऊपर बड़ी-बड़ी पोस्ट लिख मारी, एक पैसे की कमाई नहीं हुई आज तक, उलटा दो-चार लेख "भाई" लोग फ़ोकट में उठा ले गये ब्लॉग से… :(
सुरेश जी, मैं आपके लेखों को पढ़ते रहता हूँ और आपका बहुत बड़ा प्रशंसक भी हूँ। आपकी बेबाक शैली मुझे बहुत अच्छी लगती है। किन्तु मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि आपके वर्तमान लेखों से नाम तो कमाया जा सकता है, धन नहीं। धन कमाने के लिये आपको कुछ अलग प्रकार के लेख लिखने होंगे। मेरे आज के पोस्ट को पढ़ने के बाद स्पष्ट हो जायेगा कि आपको किस प्रकार के लेख लिखने हैं।
ज्ञानदत्त पाण्डेय | G.D.Pandey said...

काम की बात बताई अवधिया जी। एडसेंस का फाइन प्रिण्ट ध्यान से नहीं पढ़ा। कहीं इन साइट्स का विज्ञापन उसके साथ करार का उल्लंघन तो नहीं?
ज्ञानदत्त जी, मैंने आपकी शंका का समाधान कल अपनी टिप्पणी और फूटनोट में कर दिया था पर हो सकता है कि बाद में जोड़े जाने के कारण बहुत से लोगों ने उसे न पढ़ा हो। इसलिये मैं यहाँ पर उसे दुहरा रहा हूँ:

इन विज्ञापनों से एडसेंस के किसी नियम का उल्लंघन नहीं होता। आप इन्हें बेझिझक एडसेंस के साथ प्रकाशित कर सकते हैं।
लवली कुमारी / Lovely kumari said...

काफी लम्बा प्रोसेस है पर देखूंगी कर के वक्त मिलते ही.जानकारी का धन्यवाद.

अल्पना वर्मा said...

bahut kaam ki jaankari hai.
thoda comlicated sa lag raha hai process...

mamta said...

पर अभी पूरा समझने मे हमें थोड़ा समय लगेगा ।
लवली कुमारी जी, वास्तव में कुछ अधिक लम्बा प्रोसेस नहीं है, पहली बार किसी काम को करने पर कठिन और लम्बा लगता है। और फिर रजिस्ट्रेशन तो केवल एक बार कराना है जिसमें अधिक समय लगेगा बाद में तो मात्र मिनट का काम है।

अल्पना जी, कुछ भी काम्प्लीकेटेड नहीं है, एक बार करके तो देखिये पर मेरे आज के पोस्ट को पढ़ लेने के बाद।

ममता जी, बहुत आसान है, यदि फिर भी कुछ शंका हो तो आप, और अन्य ब्लोगर साथी भी, बेहिचक मुझे पते पर ईमेल कर सकते हैं। जहाँ तक हो सकेगा मैं व्यक्तिगत रूप से सभी शंकाओं का समाधान करने का प्रयास करूँगा।
दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi said...

यह सब करने पर कुछ बखेड़ा सा लग रहा है।
दिनेशराय जी, विश्वास कीजिये कि कुछ भी बखेड़ा नहीं है, बहुत आसान है। और हाँ आपके अंग्रेजी ब्लोग Law & Life से तो अच्छी कमाई के अवसर हैं। आप अपने विधि विषयक ज्ञान को ईपुस्तक बना कर आसानी के साथ बेच सकते हैं।
PD said...

ham bas itna hi kahenge ki ham Yatra.com se hi apni har flight book karte hain.. apne blog par uska link laga den to agli bar ham yahin se vahan jakar ticket book kar liya karenge.. kam se kam apne kisi blog bhai ka fayda to ho jayega.. :)
धन्यवाद प्रशांत! मैंने इस ब्लोग में यात्रा.कॉम का बैनर लगा दिया है।

अन्य सभी टिप्पणीकारों को मेरा हार्दिक धन्यवाद!

हाँ तो अब हम आज के अपने विषय पर आते हैं। सबसे पहले तो यह जान लें कि इंटरनेट मार्केटिंग क्या है। संक्षेप में कहा जाये तो

अपने या किसी अन्य उत्पादक के उत्पादों को बेचने के लिये उन्हें इंटरनेट के असंख्य प्रयोगकर्ताओं के समक्ष अपने वेबसाइट ब्लोग के द्वारा प्रस्तुत करने को इंटरनेट मार्केटिंग कहा जाता है अर्थात् ऐसा व्यापार जिसे कि इंटरनेट के जरिये किया जाये। इंटरनेट व्यापार में आपका वेबसाइट ब्लोग, जो कि विश्व भर के लाखों करोड़ों लोगों की आसान पहुँच में होता है, आपकी दूकान के रूप में परिवर्तित हो जाता है।

अब मैं आप लोगों को यह बता दूँ कि वर्तमान में जो हमारे हिन्दी ब्लोग्स हैं वे इंटरनेट मार्केटिंग के लिये विशेष उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि उनमें निहित सामग्री अनेकों प्रकार के हैं और इंटरनेट मार्केटिंग के लिये इंटरनेट मार्केटिंग के लिये ऐसे ब्लोग की आवश्यकता होती है जो कि किसी एक ऐसे विषय पर केन्द्रित हो जिससे कि सम्बन्धित उत्पाद को बेच कर आमदनी प्राप्त किया जा सके। ऐसे विषय को अंग्रेजी में निशे (Niche) कहा जाता है।

तो मेरा सुझाव है कि आप लोग अपने वर्तमान ब्लोग्स में अपने उत्पाद से सम्बन्धित बैनर्स आदि तो लगा दें किन्तु उनसे विशेष आमदनी की उम्मीद न रखें। आपकी विशेष कमाई कैसे होगी यह मैं आगे बताने जा रहा हूँ।

सबसे पहले तो, जैसा कि मैंने कल भी कहा था, डीजीएम.प्रो का मुफ्त सदस्य बन जायें। रजिस्ट्रेशन के लिये यहाँ क्लिक करें। (यहाँ पर यह मत समझ लीजियेगा कि मैं अपना कोई रीफरल लिंक दे रहा हूँ जिससे कि मुझे कुछ अतिरिक्त आय हो सके।)

अब वहाँ उपलब्ध उत्पादों में उन उत्पादों का चयन करें जिनके विषय में आप कुछ अच्छे लेख लिख सकते हैं। उन उत्पादों के कैम्पेन ज्वॉयन करने के लिये क्लिक कर दें और इंतजार करें। दो तीन दिनों में ही आपको ईमेल आ जायेगा कि आपका आवेदन स्वीकार हुआ या निरस्त हो गया। वैसे निरस्त होने के अवसर बहुत कम हैं।

अब मान लीजिये कि नौकरी.कॉम को आपको प्रमोट करना है। तो सबसे पहले आप एक नया ब्लोग बनायें जो कि नौकरी, आजीविका आदि से सम्बन्धित हो। उसका नाम भी आप नौकरी, आजिविका, साक्षात्कार जैसा कुछ दे सकते हैं। अब आपको अपने इस ब्लोग में नौकरी से सम्बन्धित लेख डालते जाना है जैसे कि "नौकरी के लिये आवेदन कैसे करें", "रिज्यूम कैसे लिखें", "प्रभावशाली रिज्यूम", "साक्षात्कार कैसे दें" आदि आदि। आप यदि सोचेंगे तो आपको बहुत सारे लेखों के लिये शीर्षक मिल जायेंगे। हाँ अपने उस ब्लोग के साइड बार आदि में नौकरी.कॉम के बैनर्स अवश्य लगायें और अपने प्रत्येक लेख में उचित स्थानों पर अपना एफिलियेट लिंक देना भी कदापि न भूलें। लेख के बीच में कुछ अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग अवश्य करें जैसे कि "साक्षात्कार (interview)"। इससे आपका ब्लोग सर्च इंजिन्स को आकर्षित करेगा।

इस सिलसिले को मैं जारी रखूँगा और बताउँगा कि कैसे जल्दी से जल्दी आपके ब्लोग के विषय में लोग जानेंगे, कैसे वह लोकप्रिय होगा, कैसे उससे आमदनी होनी शुरू होगी आदि पर इस ब्लोग में नहीं बल्कि नेट से आमदनी! (Income with Net) में, क्योंकि मेरा यह ब्लोग इस विषय के लिये उचित मंच नहीं है।

Thursday, March 26, 2009

थोड़ा बहुत तो हिन्दी ब्लोग से अभी भी कमाया जा सकता है

जी हाँ, यदि आप चाहें तो अभी भी अपने हिन्दी ब्लोग से कुछ कमाई कर सकते हैं। डीजीएमप्रो.कॉम आपको ऐसे एफिलियेट प्रोग्राम्स प्रदान करता है जो कि सिर्फ भारत के लिये ही हैं। यह साइट हिन्दी वेबसाइट्स और ब्लोग्स को भी स्वीकार करती है और कमीशन की रकम का भुगतान भारतीय रुपयों में सिटी बैंक के चेक के माध्यम से करती है। देखें मेरे पिछले भुगतान का चेकः

तो इस साइट में जाकर आप मुफ्त रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और वहाँ उपलब्ध किसी भी एफिलियेट प्रोग्राम को प्रमोट करने के लिये आवेदन कर सकते हैं। आपका आवेदन मंजूर हो जाने के बाद आप अपने हिन्दी ब्लोग के द्वारा अपने एफिलियेट उत्पाद को प्रमोट करके थोड़ा बहुत कमाई कर सकते हैं जैसे कि इस माह में अब तक मेरा वहाँ पर कमीशन रु.1620 बना हैः
वर्तमान में वहाँ पर निम्न एफिलियेट प्रोग्राम्स उपलब्ध हैं:



अलग अलग एफिलियेट प्रोग्राम्स में अलग अलग कमीशन रेट हैं जैसे कि यदि कोई आपके ब्लोग के बैनर को क्लिक कर के किसी ट्रैव्हल साइट यात्रा.कॉम, मेकमायट्रिप.कॉम, क्लियरट्रिप.कॉम आदि में पहुँचता है और फ्लाइट बुकिंग करता है तो आपको रु.85.00 से रु.130.00 तक का कमीशन मिल सकता है।

प्रमोट कैसे करें

सबसे सरल तरीका है एफिलियेट बैनर्स अपने ब्लोग में लगाना। पर अधिक प्रभावशाली तरीका है जिस कंपनी को आप प्रमोट कर रहे हैं उसके उत्पाद के विषय में विस्तारपूर्वक समझाते हुये तथा उनके गुण दोषों को बताते हुये एक लेख लिख कर अपने ब्लोग में प्रकाशित करना। उदाहरण के लिये नीचे का पैराग्राफ देखें:
अब वे दिन लद गये जबकि रेल्वे आरक्षण के लिये घंटों लाइन लगाये रहना पड़ता था। आज आप अपने घर में अपने कम्प्यूटर के सामने बैठ कर आनलाइन रेल्वे टिकिट बुकिंग कर सकते हैं। पहले रेल्वे टिकिट बुकिंग केवल आईआरसीटीसी इंडियन रेल्वे केटरिंग एण्ड टूरिज्म कार्पोरेशन, जो कि सरकारी साइट है, से ही हुआ करता था किन्तु अब यह कार्य क्लीयरटरिप, जो कि एक निजी ट्रैव्हल एजेंसी है और प्लेन टिकट बुकिंग, होटल बुकिंग, यात्रा वाहन बुकिंग का कार्य करती है, के साइट से भी कराया जा सकता है। जाहिर है कि प्रतिस्पर्धा हो जाने के कारण से अब सामान्य लोगों को और भी अधिक अच्छी सेवाएँ मिलेंगी।
पूरा लेख यहाँ देखें - भारत में रेल्वे रिजर्व्हेशन

अधिक कमीशन कैसे बनायें

देखा यह गया है कि किसी वेबसाइट या ब्लोग में आने वालों में से २५% लोग ही विज्ञापन को क्लिक करते हैं और उनमें से केवल एक प्रतिशत लोग खरीदी करते हैं। मतलब यह हुआ कि एक उत्पाद बेचने के लिये विज्ञापनों पर 100 क्लिक होना चाहिये और 100 क्लिक के लिये कम से कम 400 लोग आपके ब्लोग में आने चाहिये। तो आखिर यह कैसे हो? परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह हो सकता है। जी हाँ आपके ब्लोग में 400 लोग और उससे भी कई गुना अधिक लोग आ सकते हैं पर इसके लिये आपको कुछ मेहनत करनी होगी। एक बार आपको बहुत अधिक समय देना होगा और बाद में अपने प्रत्येक पोस्ट के बाद थोड़ा सा अतिरिक्त समय देना होगा।

एक बार अधिक समय खाने वाला काम है नीचे दिये गये सोशल बुकमार्किंग साइट्स की लिस्ट में से अधिक से अधिक साइट का मुफ्त सदस्य बनना

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Technorati.com
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Backflip.com
Bibsonomy.org
Folkd.com
Linkagogo.com
Indianpad.com
Plugim.com
Myjeeves.ask.com
Jumptags.com
Wirefan.com
Ka-Boom-It.com

प्रत्येक पोस्ट के बाद क्या करना होगा

सबसे पहले सोशलमार्कर.कॉम का मुफ्त सदस्य बनें और वहाँ पर उपलब्ध बटन को ड्रैग करके अपने ब्राउसर के बुकमार्क टूलबार में डाल दें। अब जब भी कोई पोस्ट करें तो उसके बाद उस पोस्ट को अपने ब्राउसर में खोलें और टूलबार में सोशलमार्कर वाले बटन को क्लिक कर दें। क्लिक करने पर सोशलमार्कर साइट एक नये ब्राउसर में खुलेगा जिसके सीधे हाथ के ऊपरी कोने में आपके पोस्ट का विवरण स्वतः ही आ जायेगा।
आप विवरण को अंग्रेजी में बदल दें।
अब आप विवरण के ऊपर सबमिट मेनू को क्लिक कर दें। सोशल मार्कर स्वतः ही आपके पोस्ट को सभी बुकमार्किंग साइट्स में बुकमार्क करता चला जायेगा।

कुछ दिनों तक ऐसा करने के बाद आप स्वयं देखेंगे कि एक ही महीने के भीतर आपके ब्लोग के पाठकों की संख्या कई गुना ज्यादा बढ़ गई है।

तो मैं उम्मीद करता हूँ कि आप लोग इस प्रयोग को कर के अवश्य देखेंगे।


पुनश्चः ज्ञानदत्त जी की शंका का समाधान अपनी टिप्पणी में कर चुका हूँ जो इस प्रकार हैः

इन विज्ञापनों से एडसेंस के किसी नियम का उल्लंघन नहीं होता। आप इन्हें बेझिझक एडसेंस के साथ प्रकाशित कर सकते हैं।

Wednesday, March 25, 2009

गायब होने के बाद कुछ कमाई कर के वापस आया हूँ

आप लोगों के तो शायद ध्यान में भी नहीं होगा कि आपके बीच का एक बुजुर्ग ब्लोगर तो गायब ही हो गया है। चलिये मैं वापस आ गया हूँ। इससे पहले कि आप पूछें कि मैं कहाँ चला गया था, मैं ही बता देता हूँ कि मैं इंटरनेट मारकेटिंग के जरिये कमाई करने चला गया था। बात यह हुई कि मेरे द्वारा यह घोषणा कर देने के बाद कि मैं इंटरनेट मारकेटिंग पर नया ब्लोग बना रहा हूँ मुझे लगा कि शायद मेरा वह ब्लोग उपहास योग्य न बन जाये इसलिये सोचा कि पहले कुछ कर के देखना चाहिये। बस रामाधारी दिनकर जी की पंक्तियों "जब मानव जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है" को याद कर के लग गया इंटरनेट से कमाई करने के धुन में। दिन रात इसी सोच में था कि क्या किया जाये। कुछ अंग्रेजी के ब्लोग बनाये, उनमें क्लिक बैंक के अपने एफिलियेट लिंक के साथ कुछ अंग्रेजी लेख डाले और उनके प्रचार में लग गया। और अब कुछ सफलता मिल जाने के बाद वापस आप लोगों के बीच वापस आ गया हूँ। जी हाँ, मैंने इस दौरान $217.54 की कमाई की है (स्क्रीन शॉट्स देखें)।



जब मैंने स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने का निश्चय किया था तभी मैंने निश्चित कर लिया था कि मैं नेट में अपना बिजनेस स्थापित करके रहूँगा और आज मैंने इसमें थोड़ी सी सफलता प्राप्त कर लिया है। वास्तव में देखा जाये तो वर्तमान में ब्लोग की परिभाषा बदल गई है और उसे व्यापार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। मैं समझता हूँ कि हिन्दी ब्लोग्स भी कुछ समय के बाद व्यापार का रूप अवश्य ही धारण कर लेंगे किन्तु उस समय के आने तक क्यों न अपने अंग्रेजी के ज्ञान का प्रयोग करके कुछ आमदनी की जाये।

गायब हो जाने के कारण आप सभी को होली की बधाई दे नहीं पाया था इसलिये अभी दे रहा हूँ, होली का पावन पर्व आप सभी के जीवन को खुशियों से परिपूर्ण करे!