एडसेंस क्या है
वास्तव में गूगल संसार की सबसे बड़ी आनलाइन विज्ञापन कंपनी है। संसार भर से उसे विज्ञापन मिलते हैं जिन्हें कि वह अनगिनत वेबसाइट्स तथा ब्लोग्स में फैला देती है। जब कोई इस विज्ञापन पर क्लिक करता है तो गूगल को विज्ञापनदाता से पैसे मिलते हैं जिसका एक छोटा सा हिस्सा गूगल उसे भी देता है जिसके ब्लोग या वेबसाइट से क्लिक किया गया था। इसे इस प्रकार से समझ सकते हैं कि बड़े शहरों में विज्ञापन एजेंसियाँ विज्ञापनदाताओं से पैसे लेकर उनके विज्ञापन को शहर भर में अनेकों होर्डिंग में दर्शाती है। अब यदि कोई होर्डिंग आपके घर के दीवाल पर लगा हो तो आपके दीवाल को उपयोग करने के एवज में विज्ञापन एजेंसी आपको भी कुछ न कुछ रकम देती है।
यहाँ पर यह समझ लेना आवश्यक है कि गूगल को विज्ञापन के पैसे तभी मिलते हैं जब कोई विज्ञापन को क्लिक करता है और उस क्लिक के लिये गूगल जिस ब्लोग या वेबसाइट से क्लिक हुआ है उसके मालिक को पैसे देता है। अब होता यह है कि बहुत से लोग पैसा कमाने के लिये अपने ब्लोग के एडसेंस विज्ञापन पर या तो स्वयं क्लिक करते हैं या फिर अपने मित्रों, रिश्तेदारों और जान पहचान वालों से क्लिक करवाते हैं जिसे कि click fraud कहा जाता है। गूगल आज सिर्फ अपनी ईमानदारी की वजह से संसार की सबसे बड़ी विज्ञापन कंपनी बना हुआ है। उसे बेइमानी जरा भी पसंद नहीं है और वह नहीं चाहता कि उसके विज्ञापनदाताओं को अनावश्यक नुकसान हो। गूगल के पास ऐसे धोखा देने वाले क्लिक्स को पकड़ने का फूलप्रूफ तकनीक है। शास्त्री जी ने सही लिखा है कि "गूगल की नजरें बहुत तेज हैं"। क्लिक प्राड करने वालों पर गूगल जरा भी दया नहीं करता और उन्हें बैन करके विज्ञापनों से वंचित कर देता है। एक बार यदि किसी को गूगल ने बैन कर दिया तो उसे कभी भी गूगल एडसेंस से पैसे कमाने का अवसर नहीं मिल पाता। गूगल की इस नीति से अन्य भाषा के बहुत से ब्लोगर और वेबमास्टर (जिन्हें बेइमानी पसंद है) भी त्रस्त हैं। बेइमानी करने वाले लाखों लोगों को गूगल ने बैन करके रखा हुआ है।
हिन्दी ब्लोग्स में एडसेंस विज्ञापन आने क्यों बंद हो गये?
इस प्रश्न के उत्तर में हम विश्वासपूर्वक कुछ कह नहीं सकते क्योंकि गूगल ने इस विषय में अब तक कुछ भी नहीं कहा है। हाँ इस प्रश्न के उत्तर में कि मेरे वेब पेजेस में सार्वजनिक सेवा विज्ञापन क्यों आते हैं गूगल का जवाब हैः
Your site content is primarily in an unsupported language.(देखें: https://www.google.com/adsense/support/bin/answer.py?hl=en&answer=10035)
If the AdSense code is placed on pages with content primarily in an unsupported language, we may show public service ads or ads in another language. As noted in our program policies, publishers may not display ads on pages with content primarily in an unsupported language, so please remove the ad code from these pages until we're able to support your language.
मुझे नहीं लगता कि हिन्दी ब्लोग्स में विज्ञापन न आने या सिर्फ सार्वजनिक सेवा विज्ञापन ही मिलने का कारण क्लिक प्राड है (यानी कि लोगों ने अपने ब्लोग के विज्ञापनों को क्लिक किया इसलिये गूगल ने विज्ञापन भेजने बंद कर दिया)। गूगल केवल उन लोगों पर ही कार्यवाही करता है जो कि धोखेबाज होते हैं। वास्तव में गूगल के एडसेंस के लिये सपोर्टिंग भाषाओं की सूची में हिन्दी भाषा शामिल नहीं है (मई 2008 के पहले तक गूगल ने अपनी भाषा नीति में ढिलाई दे रखी थी इसलिये हिन्दी ब्लोग्स में एडसेंस विज्ञापन आ रहे थे और बाद में इस नीति को सख्त कर दिये जाने के कारण विज्ञापन आने बंद हो गये)।
बहुत हद तक तो यही लगता है कि गूगल के सपोर्टिंग भाषाओं की सूची में नहीं होने के कारण ही हमें एडसेंस विज्ञापन नहीं मिल पा रहे हैं। यह भी हो सकता है कि गूगल हिन्दी के लिये अपने "बोट" को विकसित करने में लगा हो क्योंकि गूगल का बोट आपके पेज को पढ़ता है और उसमें सिर्फ उन विज्ञापनों को ही भेजता है जो कि आपके पेज के विषय से संबंधित हों याने कि यदि आपका पेज फर्नीचर के बारे में है तो गूगल उसमें केवल फर्नीचर्स के विज्ञापन भेजेगा। मई 2008 तक हिन्दी पेजेस में जो एडसेंस विज्ञापन आ रहे थे वे पेज के विषय से संबंधित विज्ञापन न हो कर सिर्फ हिन्दी से संबंधित विज्ञापन हुआ करते थे। अब जबकि गूगल ने हिन्दी के अन्य भाषाओं में अनुवाद (http://translate.google.com) की टेक्नोलॉजी विकसित कर लिया है तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि गूगल अपने बोट को हिन्दी सपोर्ट के लिये विकसित कर रहा हो। पर यह सिर्फ एक अनुमान है, सत्य क्या है यह तो सिर्फ गूगल ही जानता है।
क्या फिर हिन्दी ब्लोग्स में एडसेंस विज्ञापन आयेंगे?
बहुत अधिक संभावना तो इसी बात की है कि हिन्दी पेजेस में जल्दी ही एडसेंस विज्ञापन आने शुरू हो जायेंगे और वह भी आपके पेज के विषय से संबंधित। आज जब संसार की सभी बड़ी कंपनियों ने अपने हिन्दी साइट्स बना लिये हैं, फायरफॉक्स, गूगल क्रोम के हिन्दी संस्करण आ चुके हैं, भारत में इंटरनेट का प्रयोग दिन दूना रात चौगुना बढ़ते जा रहा है तो कोई कारण नहीं है कि गूगल भारत के विज्ञापनों से होने वाली कमाई से आँख फेर ले। एक प्रश्न के उत्तर में गूगल हेल्प ने कहा थाः
(देखें: http://groups.google.com/group/adsense-help-features/browse_thread/thread/77476824e7119726/1916d587ba3f179b?lnk=gst&q=hindi#1916d587ba3f179b)(AdSensePro Stephanie Google employee Jun 21, 1:14 am
From: AdSensePro Stephanie
Date: Fri, 20 Jun 2008 13:14:51 -0700 (PDT)
Local: Sat, Jun 21 2008 1:14 am
Subject: Re: Serving PSAs on unicoded (hindi) pages
If you haven't done so already, I'd encourage you to visit the AdSense
blog at adsense.blogspot.com to keep track of all the latest AdSense
news and updates. If we're able to expand our list of supported
languages, we'll be sure to post an announcement on our blog.)
अभी पिछले हफ्ते ही गूगल ने अधिकारिक भाषाओं की लिस्ट में चार नई भाषाओं को जोड़ा है, देखें http://adsense.blogspot.com/2006/12/adsense-for-content-in-4-new-languages.html
तो हम भी उम्मीद कर सकते हैं कि जल्दी ही गूगल अपनी लिस्ट में हिन्दी को भी स्थान दे देगा और हमें विज्ञापन मिलने शुरू हो जायेंगे।
पर जब कभी भी हिन्दी ब्लोग्स में एडसेंस विज्ञापन आये तो याद रखें कि अपने स्वयं के ब्लोग के विज्ञापनों पर भूल कर भी न खुद क्लिक करना है और न ही किसी अन्य से क्लिक करवाना है।