Showing posts with label सत्यापन. Show all posts
Showing posts with label सत्यापन. Show all posts

Sunday, October 11, 2009

क्या किसी ब्लॉग को पढ़ने के लिए किसी प्रकार का सत्यापन जरूरी है?

कुछ ब्लॉग्स को मैं पढ़ने के लिए जाता हूँ तो ब्लॉग के ओपन होते ही एक छोटा सा विंडो खुल कर सामने आ जाता है, सत्यापन जरूरी वाला। स्नैपशॉट देखें:

इस विंडो में रद्द बटन को क्लिक करने पर वह पुनः सामने आ जाता है। आप बार बार रद्द करिए और यह, कपिल शर्मा वाला जिद्दी मुर्गे के जैसा (व्हीडियो देखें), फिर सामने आ जाता है। और मैं हारकर उस ब्लॉग को बिना पढ़े ही बंद कर देता हूँ।



तो क्या किसी ब्लॉग को पढ़ने के लिए किसी प्रकार का सत्यापन जरूरी है?

चलते-चलते

जहाज तूफान में फँस कर डूब गया। लाइफ बोट के सहारे तीन लोग एक वीरान टापू में पहुँच गये - एक अमेरिकन, एक जापानी और एक पाकिस्तानी। टापू में फलों के वृक्ष और पीने लायक पानी के झरने भरपूर थे। वे लोग साथ रहकर किसी तरह समय बिताने लगे। एक दिन वे समुद्र के किनारे बैठे तो उन्हें लहरों में तैरती हुई एक बोतल दिखी। अमेरिकन ने बोतल ढक्कन खोल दिया। बोतल में से जिन्न निकला और बोला, "मैं चार हजार साल से इस बोतल में बंद था। तुम लोगों ने मुझे कैद से मुक्ति दिलाई है। बदले में मैं तुम लोगों की एक एक इच्छा पूरी कर सकता हूँ। बोलो क्या इच्छा है तुम लोगों की?"

"मुझे न्यूयार्क पहुँचा दो।" अमेरिकन ने कहा।

जिन्न ने पलक झपकते उसे न्यूयार्क पहुँचा दिया।

"मुझे पेरिस पहुँचा दो।" जापानी ने कहा।

जिन्न ने उसे भी पलक झपकते पेरिस पहुँचा दिया।

"अब तुम कराँची जाना चाहोगे?" जिन्न ने पाकिस्तानी से पूछा।

"कौन साला वापस जाना चाहता है उस नामुराद माहौल में? मुझे तो ये टापू रास आ गई है। मैं तो यहीं रहूँगा।" पाकिस्तानी ने उत्तर दिया।

"फिर मुझसे क्या चाहते हो?"

"यहां पर मैं ठीक तो हूँ पर अकेलापन महसूस करता हूँ। तुम मेरे दोनों दोस्तों को वापस ले आओ।"