Friday, March 27, 2009

हिन्दी ब्लोग्स से कमाई - कुछ और बातें

आप लोगों ने मेरे कल के पोस्ट में अपनी प्रतिक्रियाएँ देकर मेरा उत्साहवर्धन किया इसके लिये आप सभी को धन्यवाद!

आज के अपने लेख में मैं कुछ और बातें बताने जा रहा हूँ जिससे कि स्पष्ट हो जाये कि इंटरनेट मार्केटिंग क्या चीज है और हिन्दी के उन ब्लोगरों को, जो वास्तव में ब्लोगिंग के जरिये कुछ आमदनी चाहते हैं, आर्थिक लाभ मिल सके। सबसे पहले मैं कल की टिप्पणियों को ध्यान में रख कर कुछ बातें कहना चाहूँगा।
नरेश सिह राठौङ said...

इच्छा तो करती है लेकिन आशा नही है कि कमा पायेंगे । जानकारी बहुत अच्छी लगी । हिन्दी ब्लोग पर इसे गुप्त रखा जाता है । इसका ज्ञान तो बहुत से लोगो को है जो कमा भी रहे है लेकिन दूसरों के साथ शेयर करना नही चाहते है ।

Suresh Chiplunkar said...

नरेश जी की बात से सहमत हूँ कि ऐसे उपाय कई लोग अपना रहे हैं, लेकिन बताते किसी को नहीं हैं…

नरेश जी, आप बिल्कुल कमायेंगे पर आपको निराशा त्यागनी होगी। यह सही है कि इन बातों को न केवल हिन्दी वाले बल्कि अंग्रेजी वाले भी प्रायः गुप्त रखते हैं क्योंकि इन जानकारियों को वे ईपुस्तक का रूप देकर बेचते हैं। किन्तु मैं इन बातों को इसलिये बता रहा हूँ क्योंकि मैं चाहता हूँ कि कम से कम हिन्दी ब्लोगर्स को कुछ तो आर्थिक लाभ मिले। इन जानकारियों को प्राप्त करने के लिये मैंने पिछले पाँच वर्षों में अनेकों अंग्रेजी वेबसाइट्स, ब्लोग्स आदि की खाक छानी है और यह भी हो सकता है कि मैं भी आप लोगों को केवल उतनी ही जानकारी दूँ जिससे कि आपकी कमाई की शुरुवात हो जाये किन्तु बहुत सी गूढ़ बातों को, जिनसे कि आमदनी बढ़ती जाये, मैं भी बाद में बेचने का प्रयास करूँ।
Suresh Chiplunkar said...

वैसे एक बात बताना चाहूँगा कि दो साल से ऊपर हो गये ब्लॉग लिखते 300 से ऊपर बड़ी-बड़ी पोस्ट लिख मारी, एक पैसे की कमाई नहीं हुई आज तक, उलटा दो-चार लेख "भाई" लोग फ़ोकट में उठा ले गये ब्लॉग से… :(
सुरेश जी, मैं आपके लेखों को पढ़ते रहता हूँ और आपका बहुत बड़ा प्रशंसक भी हूँ। आपकी बेबाक शैली मुझे बहुत अच्छी लगती है। किन्तु मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि आपके वर्तमान लेखों से नाम तो कमाया जा सकता है, धन नहीं। धन कमाने के लिये आपको कुछ अलग प्रकार के लेख लिखने होंगे। मेरे आज के पोस्ट को पढ़ने के बाद स्पष्ट हो जायेगा कि आपको किस प्रकार के लेख लिखने हैं।
ज्ञानदत्त पाण्डेय | G.D.Pandey said...

काम की बात बताई अवधिया जी। एडसेंस का फाइन प्रिण्ट ध्यान से नहीं पढ़ा। कहीं इन साइट्स का विज्ञापन उसके साथ करार का उल्लंघन तो नहीं?
ज्ञानदत्त जी, मैंने आपकी शंका का समाधान कल अपनी टिप्पणी और फूटनोट में कर दिया था पर हो सकता है कि बाद में जोड़े जाने के कारण बहुत से लोगों ने उसे न पढ़ा हो। इसलिये मैं यहाँ पर उसे दुहरा रहा हूँ:

इन विज्ञापनों से एडसेंस के किसी नियम का उल्लंघन नहीं होता। आप इन्हें बेझिझक एडसेंस के साथ प्रकाशित कर सकते हैं।
लवली कुमारी / Lovely kumari said...

काफी लम्बा प्रोसेस है पर देखूंगी कर के वक्त मिलते ही.जानकारी का धन्यवाद.

अल्पना वर्मा said...

bahut kaam ki jaankari hai.
thoda comlicated sa lag raha hai process...

mamta said...

पर अभी पूरा समझने मे हमें थोड़ा समय लगेगा ।
लवली कुमारी जी, वास्तव में कुछ अधिक लम्बा प्रोसेस नहीं है, पहली बार किसी काम को करने पर कठिन और लम्बा लगता है। और फिर रजिस्ट्रेशन तो केवल एक बार कराना है जिसमें अधिक समय लगेगा बाद में तो मात्र मिनट का काम है।

अल्पना जी, कुछ भी काम्प्लीकेटेड नहीं है, एक बार करके तो देखिये पर मेरे आज के पोस्ट को पढ़ लेने के बाद।

ममता जी, बहुत आसान है, यदि फिर भी कुछ शंका हो तो आप, और अन्य ब्लोगर साथी भी, बेहिचक मुझे पते पर ईमेल कर सकते हैं। जहाँ तक हो सकेगा मैं व्यक्तिगत रूप से सभी शंकाओं का समाधान करने का प्रयास करूँगा।
दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi said...

यह सब करने पर कुछ बखेड़ा सा लग रहा है।
दिनेशराय जी, विश्वास कीजिये कि कुछ भी बखेड़ा नहीं है, बहुत आसान है। और हाँ आपके अंग्रेजी ब्लोग Law & Life से तो अच्छी कमाई के अवसर हैं। आप अपने विधि विषयक ज्ञान को ईपुस्तक बना कर आसानी के साथ बेच सकते हैं।
PD said...

ham bas itna hi kahenge ki ham Yatra.com se hi apni har flight book karte hain.. apne blog par uska link laga den to agli bar ham yahin se vahan jakar ticket book kar liya karenge.. kam se kam apne kisi blog bhai ka fayda to ho jayega.. :)
धन्यवाद प्रशांत! मैंने इस ब्लोग में यात्रा.कॉम का बैनर लगा दिया है।

अन्य सभी टिप्पणीकारों को मेरा हार्दिक धन्यवाद!

हाँ तो अब हम आज के अपने विषय पर आते हैं। सबसे पहले तो यह जान लें कि इंटरनेट मार्केटिंग क्या है। संक्षेप में कहा जाये तो

अपने या किसी अन्य उत्पादक के उत्पादों को बेचने के लिये उन्हें इंटरनेट के असंख्य प्रयोगकर्ताओं के समक्ष अपने वेबसाइट ब्लोग के द्वारा प्रस्तुत करने को इंटरनेट मार्केटिंग कहा जाता है अर्थात् ऐसा व्यापार जिसे कि इंटरनेट के जरिये किया जाये। इंटरनेट व्यापार में आपका वेबसाइट ब्लोग, जो कि विश्व भर के लाखों करोड़ों लोगों की आसान पहुँच में होता है, आपकी दूकान के रूप में परिवर्तित हो जाता है।

अब मैं आप लोगों को यह बता दूँ कि वर्तमान में जो हमारे हिन्दी ब्लोग्स हैं वे इंटरनेट मार्केटिंग के लिये विशेष उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि उनमें निहित सामग्री अनेकों प्रकार के हैं और इंटरनेट मार्केटिंग के लिये इंटरनेट मार्केटिंग के लिये ऐसे ब्लोग की आवश्यकता होती है जो कि किसी एक ऐसे विषय पर केन्द्रित हो जिससे कि सम्बन्धित उत्पाद को बेच कर आमदनी प्राप्त किया जा सके। ऐसे विषय को अंग्रेजी में निशे (Niche) कहा जाता है।

तो मेरा सुझाव है कि आप लोग अपने वर्तमान ब्लोग्स में अपने उत्पाद से सम्बन्धित बैनर्स आदि तो लगा दें किन्तु उनसे विशेष आमदनी की उम्मीद न रखें। आपकी विशेष कमाई कैसे होगी यह मैं आगे बताने जा रहा हूँ।

सबसे पहले तो, जैसा कि मैंने कल भी कहा था, डीजीएम.प्रो का मुफ्त सदस्य बन जायें। रजिस्ट्रेशन के लिये यहाँ क्लिक करें। (यहाँ पर यह मत समझ लीजियेगा कि मैं अपना कोई रीफरल लिंक दे रहा हूँ जिससे कि मुझे कुछ अतिरिक्त आय हो सके।)

अब वहाँ उपलब्ध उत्पादों में उन उत्पादों का चयन करें जिनके विषय में आप कुछ अच्छे लेख लिख सकते हैं। उन उत्पादों के कैम्पेन ज्वॉयन करने के लिये क्लिक कर दें और इंतजार करें। दो तीन दिनों में ही आपको ईमेल आ जायेगा कि आपका आवेदन स्वीकार हुआ या निरस्त हो गया। वैसे निरस्त होने के अवसर बहुत कम हैं।

अब मान लीजिये कि नौकरी.कॉम को आपको प्रमोट करना है। तो सबसे पहले आप एक नया ब्लोग बनायें जो कि नौकरी, आजीविका आदि से सम्बन्धित हो। उसका नाम भी आप नौकरी, आजिविका, साक्षात्कार जैसा कुछ दे सकते हैं। अब आपको अपने इस ब्लोग में नौकरी से सम्बन्धित लेख डालते जाना है जैसे कि "नौकरी के लिये आवेदन कैसे करें", "रिज्यूम कैसे लिखें", "प्रभावशाली रिज्यूम", "साक्षात्कार कैसे दें" आदि आदि। आप यदि सोचेंगे तो आपको बहुत सारे लेखों के लिये शीर्षक मिल जायेंगे। हाँ अपने उस ब्लोग के साइड बार आदि में नौकरी.कॉम के बैनर्स अवश्य लगायें और अपने प्रत्येक लेख में उचित स्थानों पर अपना एफिलियेट लिंक देना भी कदापि न भूलें। लेख के बीच में कुछ अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग अवश्य करें जैसे कि "साक्षात्कार (interview)"। इससे आपका ब्लोग सर्च इंजिन्स को आकर्षित करेगा।

इस सिलसिले को मैं जारी रखूँगा और बताउँगा कि कैसे जल्दी से जल्दी आपके ब्लोग के विषय में लोग जानेंगे, कैसे वह लोकप्रिय होगा, कैसे उससे आमदनी होनी शुरू होगी आदि पर इस ब्लोग में नहीं बल्कि नेट से आमदनी! (Income with Net) में, क्योंकि मेरा यह ब्लोग इस विषय के लिये उचित मंच नहीं है।

6 comments:

Unknown said...

जय हो गुरुदेव… सीखने की कोशिश करेंगे… वैसे तकनीकी रूप से हम बहुत कमजोर हैं, रेफ़रल लिंक, HTML आदि शब्द सुनकर ही घबरा जाते हैं… फ़िर भी देखते हैं क्या हो सकता है… फ़िर आप तो हैं ही मदद करने के लिये… अग्रिम धन्यवाद कबूल कीजिये… :)

seema gupta said...

" thanks for sharing such information with us"
Regards

दिनेशराय द्विवेदी said...

आभार आप का। कोशिश करते हैं। इधर से कुछ कमाई कर सकें।

राज भाटिय़ा said...

बच्चो से सलाह कर के फ़िर सोचते है.
धन्यवाद

संगीता पुरी said...

जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्‍यवाद।

विवेक रस्तोगी said...

कल आपका लेख पढ़कर dgmpro का सदस्य बनने की कोशिश करी पर उन्होंने हमारे आवेदन को निरस्त कर दिया । अब क्या किया जाये ।