Monday, September 14, 2009

पप्पू ने छुए पैर माता पिता के

पप्पू अपने तीन चार मित्रों के साथ हमारे पास आकर बोला, "अंकल जी, आप हमें कुछ हिन्दी पढ़ाया कीजिए ना।"

हम खुश हुए कि चलो अपने मातृभाषा के प्रति बच्चों में रूचि तो जाग रही है। पढ़ाने के लिए तत्काल राजी हो गए और बोले, "ठीक है, कल से हम रोज सुबह आठ बजे से तुम लोगों को पढ़ाया करेंगे।" फिर सोचा चलो लगे हाथ हिन्दी के साथ ही साथ थोड़ी सी संस्कार की भी शिक्षा दे दें इसलिए यह भी जोड़ दिया, "पर तुम लोगों को रोज सुबह अपने माता पिता के पैर छूने होंगे।"

दूसरे दिन सुबह आठ बजे सभी पहुँच गए हमारे पास। हमने पूछा, "क्यों पैर छुए तुम लोगों ने अपने माता पिता के?"

कुछ बच्चों ने कहा कि वे भूल गए और कुछ ने नजरें नीची कर लीं पर पप्पू ने अकड़ते हुए कहा, "हाँ अंकल जी, मैंने छुए हैं पैर अपनी मम्मी पापा के।"

" तब तो वे बहुत खुश हुए होंगे।" हम भी खुश हो कर बोले।

"उन्हें पता ही कहाँ चला अंकल जी, मैं तो मुँह अंधेरे ही उठ गया था और जब मम्मी पापा सो रहे थे तभी चुपके से पैर छू लिए उनके। अब आप ही सोचिए कि यदि वे देख लेते तो मुझे कितना इंसल्टिंग फील होता?"

चलते चलते

एक आदमी दौड़ा जा रहा था और दूसरा उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे भाग रहा था। लोगों को जानने की उत्सुकता हुई कि आखिर मामला क्या है। पहला आदमी तो आगे निकल गया पर दूसरे को लोगों ने पकड़ लिया और पूछा कि क्या मामला है। उसने कहा कि कुछ नहीं आपस का मामला है। पर लोगों की उत्सुकता शान्त नहीं हुई। बोले जब तक सच्ची बात नहीं बताएगा हम तुझे छोड़ेंगे नहीं। हार कर उसने बताया, "स्साला, अपनी पोस्ट पढ़वा लिया और मेरी पोस्ट पढ़ने की बारी आई तो भाग रहा है।"

7 comments:

निर्मला कपिला said...

बहुत खूब हिन्दी दिवस पर शुभकामनाये

Khushdeep Sehgal said...

अवधिया जी, इसे कहते हैं निर्मल हास्य...यूहीं कोई आपको अपना आइकन माना है...

संजय बेंगाणी said...

बच्चा घणा समझदार निकला जी. :)

राज भाटिय़ा said...

आगे वाला जरुर ताऊ होगा, ओर पीछे वाला तो मै ही था...

Gyan Dutt Pandey said...

इस इंसल्टिंग युग में भी पप्पू ने पैर छूने की तरकीब निकाल ली। पप्पू प्रशंसनीय है!

Anonymous said...

हिन्दी दिवस पर शुभकामनाये

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

अब आप ही सोचिए कि यदि वे देख लेते तो मुझे कितना इंसल्टिंग फील होता?" - पता नहीं इसे हास्य कहूँ या व्यंग ?

बहुत सुन्दर |