Sunday, August 22, 2010

संकलक, पाठक और टिप्पणियाँ

संकलक एक इंटरनेट से सम्बन्धित शब्द है। संकलकों का काम होता है किसी एक विषय या भाषा के ब्लोग्स को एक स्थान पर दिखाना। जैसे कि समाचार संकलक समाचारों को एक ही स्थान पर दिखाते हैं तो हिन्दी भाषा के संकलक हिन्दी ब्लोग्स को एक स्थान पर! संकलकों का उद्देश्य होता है ब्लोग्स में पाठक भेजना।

जहाँ किसी ब्लोग में संकलकों से पाठक आते हैं वहीं अन्य तरीकों से भी आते हैं जैसे कि ब्लोग का अनुसरण कर के या विभिन्न सर्च इंजिनों में सर्च कर के। किसी पोस्ट में आने वाले पाठकों में से कुछ पाठक पोस्ट को पढ़कर चले जाते हैं, कुछ लोग अपनी टिप्पणी भी करते हैं और ऐसा भी होता है कि कई पाठक पोस्ट को बिना पढ़े भी चले जाते हैं।

यह आवश्यक नहीं है कि जो लोग टिप्पणी करते हैं वे किसी संकलक से ही पोस्ट में आए हों, वे कहीं पर से भी आए हो सकते हैं। मान लीजिए किसी संकलक ने किसी पोस्ट में कुल 31 पाठक भेजे और उस पोस्ट में 37 टिप्पणियाँ हैं। अब जिस संकलक ने पोस्ट में पाठक भेजे हैं वह अपने डिफॉल्ट हॉटलिस्ट में पोस्ट में की गई टिप्पणियों की संख्या को दर्शाता है तो क्या यह उचित है? संकलक से पोस्ट में जाने वाले 31 पाठकों में से कुछ ने ही तो टिप्पणी की होगी और शेष टिप्पणियाँ अन्य प्रकार से आए पाठकों की होगी। तो क्या यह 31 पाठक भेज कर 37 टिप्पणियों का श्रेय लेना नहीं है? और इसके उलटे उस संकलक ने किसी पोस्ट में 96 पाठक भेजे हैं किन्तु उस पोस्ट में मात्र 3 टिप्पणियाँ है तो उस पोस्ट को अपने डिफॉल्ट हॉटलिस्ट में न दिखाना क्या उस पोस्ट के साथ अन्याय नहीं है? संकलक के द्वारा भेजे गए पाठकों के आधार पर ही संकलक की डिफॉल्ट हॉटलिस्ट नहीं होनी चाहिए?

वैसे भी संकलकों का कार्य पोस्ट में महज पाठक भेजना होता है टिप्पणियाँ करवाना नहीं।

12 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

तो क्या यह 31 पाठक भेज कर 37 टिप्पणियों का श्रेय लेना नहीं है?

यह तो चमत्कार ही होगा।

पाठक बहुत जगहों से आते हैं, सर्च इंजन से आने वाले बहुत कम कमेंट करते हैं।

अच्छी पोस्ट
आभार गुरुदेव

M VERMA said...

विचारणीय बात

शिवम् मिश्रा said...

बढ़िया पोस्ट ...... बढ़िया जानकारी ......आभार !

प्रवीण पाण्डेय said...

महत्वपूर्ण विषय।

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर विचार जी, अति सुंदर लगा आप का यह विचार. धन्यवाद

ताऊ रामपुरिया said...

आपने बात तो बिल्कुल कांटे की कही है. इस विचार किया जाना चाहिये.

रामराम.

Unknown said...

आप हर मरतबा एक बकवाइस लिखकर पाटक का टाइम खोटी करती है। बकवाइस बंद किरिए। ऐहसान होगी.

Unknown said...

ये ऊपर िकस मंकी का फोइटो लागा है.

अन्तर सोहिल said...

विचारणीय सवाल है

प्रणाम

vandana gupta said...

sochaniya prashn.

डॉ. मोनिका शर्मा said...

aapne vicharniya vishya uthaya hai.

Udan Tashtari said...

चर्चा के लिए अच्छा विषय लिया है.

रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.